नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वास्तव में अयोध्या में विवादित भूमि में मुसलमानों के शेयर का असल दावेदार वही है क्योंकि बाबरी मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई थी, जो एक शिया थे। शुक्रवार को बोर्ड ने कहा कि वह इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मुसलमानों को दी गई एक तिहाई भूमि को राम मंदिर बनाने के लिए हिंदुओं को दान करना चाहता है। उधर, मुसलमानों और सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश सीनियर ऐडवोकेट राजीव धवन ने कहा, ‘बामियान बुद्ध की मूर्तियों को मुस्लिम तालिबान ने नष्ट किया था और बाबरी मस्जिद को हिंदू तालिबान की ओर से ध्वस्त किया गया।’
यह है पूरा मामला
राम मंदिर के लिए होनेवाले आंदोलन के दौरान 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। इस मामले में आपराधिक केस के साथ-साथ दीवानी मुकदमा भी चला। टाइटल विवाद से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को अयोध्या टाइटल विवाद में फैसला दिया था। फैसले में कहा गया था कि विवादित लैंड को 3 बराबर हिस्सों में बांटा जाए। जिस जगह रामलला की मूर्ति है उसे रामलला विराजमान को दिया जाए।
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