16 करोड़ के टीके से अब अयांश की सेहत में सुधार

Ayansh Sachkahoon

बैठने की क्षमता पहले सेकेंड में थी, अब हुई मिनट में

  • हर सप्ताह टेस्ट रिपोर्ट देखते हैं एम्स के डॉक्टर

सच कहूँ/संजय मेहरा गुरुग्राम। करीब दो साल के बालक (Ayansh) अयांश मदान को 16 करोड़ रुपये का टीका (वैक्सीन) लगने के बाद सेहत में सुधार के संकेत मिले हैं। अब वह ठीक से बैठने लगा है। शरीर का बैलेंस बन रहा है। यानी यह कहा जा सकता है कि 16 करोड़ रुपये की दवा का अयांश के शरीर पर सकारात्मक प्रभाव हो रहा है।

बता दें कि गुरुग्राम के प्रवीन मदान एवं वंदना मदान का बेटा अयांश (Ayansh) जन्म से ही स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी (एसएमए) नामक गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी से निजात पाने के लिए अयांश को अमेरिका से आयात किया हुआ 16 करोड़ रुपये का टीका नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 4 दिसम्बर 2021 को लगाया गया था। चार दिसम्बर 2021 को एम्स में चाइल्ड न्यूरो सर्जन डॉ. शैफाली गुलाटी के नेतृत्व में टीम ने अयांश को पूरी ऐहतियात बरतते हुए यह टीका लगाया। टीका लगने के एक माह के भीतर ही अयांश के शरीर में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देने लगे हैं। परिजनों द्वारा पूरी सावधानी के साथ उसे दवाएं दी जा रही हैं। साथ ही घर पर ही उसकी फिजियोथैरेपी की जा रही है।

 Ayansh पर माता-पिता हर समय रखते हैं नजर

अयांश के माता-पिता हर समय उस पर नजर रखते हैं। पिता प्रवीन मदान के मुताबिक अब अयांश के बैठने की क्षमता पहले से काफी मजबूत हुई। पहले वह मात्र कुछ सेकेंड ही बैठ पाता था। अब उसके बैठने का समय 15 मिनट तक हो गया है। पहले वह बैठाते ही एक तरफ लुढ़क जाता था। अब बैठाने के बाद वह झुक जाता है और खुद ही उठ जाता है। फर्क साफ है कि उसकी हड्डियां मजबूत हो रही हैं।

पांवों की मजबूत को बनाया है फ्रेम

उसे स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं, इससे उसकी इम्युनिटी कम हो रही है। चिकित्सकों की सलाह पर ठंड को कोरोना की वजह से उसे घर से बाहर नहीं निकाला जा रहा। पांवों को मजबूती देने के लिए फ्रेम बनवाया गया है, ताकि वह खड़े होने में भी समर्थ हो सके। एसएमए बीमारी की वजह से उसके पैर भी टेढ़े होने लगे थे। चिकित्सकों का कहना है कि दवा लगने के 8-9 माह के बाद अयांश में अधिक शारीरिक बदलाव नजर आएंगे।

दो साल की उम्र तक लगाया जा सकता है टीका

डॉक्टर्स के मुताबिक एसएमए से पीड़ित बच्चे को टीका मात्र दो साल की उम्र तक ही लगाया जा सकता है। अयांश भाग्यशाली रहा कि उसे यह टीका इस उम्र से पहले ही लग गया। एसएमएस बीमारी से शरीर का सकारात्मक विकास नहीं हो पाता। यानी इससे बच्चे की हड्डियां मजबूत नहीं बन पाती। इस कारण उसमें उठने-बैठने, संभलने की क्षमता नहीं रहती। समय के साथ यह समस्या बढ़ती ही जाती है।

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