कहा: बेटी ही सबसे बड़ा धन
ओढां(सच कहूँ न्यूज)। दहेज प्रथा के खिलाफ समाज में जागरूक्ता आने लगी है। इसका एक उदाहरण गांव नुहियांवाली में देखने को मिला। जहां वधू पक्ष द्वारा दहेज के रूप में थाली में दी जा रही बड़ी धनराशि को वर पक्ष द्वारा उठाने से इंकार कर दिया गया। वर पक्ष ने राशि के नाम पर केवल एक रुपया ही उठाया। इस शादी की खूब चर्चा रही। दरअसल नुहियांवाली निवासी लालचंद ने अपनी बहन मनीता की शादी गांव चक्कां निवासी रामप्रताप करड़वाल के लड़के मधुसुदन प्रसाद के साथ रखी थी। इस शादी में लालचंद ने दहेज के रूप में 71 हजार रुपये की राशि थाली में रखी थी। जिसके बाद रामप्रताप ने उक्त राशि में से मात्र एक रुपया उठाते हुए पूरी राशि को यह कहकर वापिस कर दिया कि आपकी बेटी ही हमारे लिए सबसे बड़ा धन है।
इस बात पर सभी ने ताली बजाकर सराहना की। रामप्रताप ने बताया कि एक दिन पूर्व उसकी बेटी की भी शादी थी। इस शादी में गांव फ्रांसी से वर पक्ष ने भी थाली में रखी 51 हजार रुपये की राशि में से मात्र एक रुपया व नारियल ही उठाया। वहीं उन्होंने दहेज में दी जा रही बाइक भी लेने से इंकार कर दी। इसी से प्रभावित होकर रामप्रताप ने भी अपने बेटे की शादी भी एक रुपया व नारियल लेकर ही की। दोनों परिवारों में बिना दहेज के हुई शादी की काफी चर्चा रही। इस मौके पर मौजूद लालचंद के रिश्तेदार इन्द्रसैन डाल ने बताया कि दहेज प्रथा के खिलाफ समाज में जागरूकता आने लगी है।
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