16 फरवरी से बेंगलुरु में शुरू होगा महिला हॉकी टीम का कैंप | Tokyo Olympics-2020
सच कहूँ/सुखजीत मान
बठिंडा। (Tokyo Olympics-2020 ) यह खबर उन लोगों के लिए सबक है जो बेटियों को अपने घर जन्म लेने से डरते हैं। मौके मिले तो बेटियां भी बेटों के बराबर के झंडे गाड़ सकती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है जिला तरनतारण के गांव मुहाल चक्क पन्नूआ की निवासी हॉकी खिलाड़ी राजविन्द्र कौर ने। इस खिलाड़ी का पिता आटो-रिक्शा चलाने के अलावा कृषि का काम करता है। परिवार की आर्थिक हालात ज्यादा अच्छी नहीं परंतु इस खिलाड़ी का हौसला बड़ी मंजिलें फतेह करने का है। बठिंडा के डीएवी कॉलेज की छात्रा राजविन्द्र कौर ने बातचीत दौरान बताया कि टोक्यो ओलंपिक-2020 के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम के कैंप का वह हिस्सा बनी है।
परिवार ने मेरा हर वक्त दिया साथ: राजविन्द्र कौर | Tokyo Olympics-2020
इस कैंप के लिए पहले 60 खिलाड़ियों के चयन में से छंटनी कर 33 खिलाड़ियों में चुनी गई थी और अब 25 खिलाड़ियों का कैंप 16 फरवरी से बैंगलूरु में शुरू हो रहा है। इस कैंप में भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए खिलाड़ियों की चयन किया जाएगा। राजविन्द्र कौर ने बताया कि उसके पिता स्वर्ण सिंह कृषि के अलावा आटो रिक्शा चालक हैं। घर की आर्थिक हालात अधिक अच्छी न होने के कारण पारिवारिक सदस्यों ने खेलने से रोके जाने संबंधी पूछे जाने पर राजविन्द्र कौर ने बताया कि ऐसा मौका कभी नहीं आया कि उसे कभी खेलने से रोका गया हो बल्कि हर समय उसका उत्साह ही बढ़ाया जाता रहा है।
जिसकी वजह से ही वह यहां तक पहुँच सकी है। चार बहन-भाइयों में से सबसे बड़ी राजविन्द्र कौर ने बताया कि परिवार में चाहे पहले कोई खिलाड़ी नहीं था परंतु अब उसकी दो और बहनें भी खेल मैदान में हैं, जिनमें उससे छोटी मनदीप कौर हॉकी की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है और वीरपाल कौर रेसलिंग में भारतीय जूनियर दल का हिस्सा बन चुकी है।
कोच ने राजविन्द्र कौर के खेल को सराहा
राजविन्द्र कौर को हॉकी की बारीकियां सिखाने वाले प्रशिक्षक राजवंत सिंह मान का कहना है कि इस खिलाड़ी की अपनी खेल पर बहुत अच्छी पकड़ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह की अब तक की राजविन्द्र कौर की उपलब्धियां हैं उस मुताबिक भारतीय हाकी को उस से अच्छी उम्मीदें हैं और यह खिलाड़ी उनकी उम्मीदों पर खरी भी जरुर उतरेगी।
शिया कप में से कांस्य पदक विजेता है राजविन्द्र कौर
- स्वर्ण सिंह और बलविन्दर कौर की बेटी राजविन्द्र कौर ने बताया कि उसका लक्ष्य ओलम्पिक खेलने का है।
- इससे पहले वह जूनियर एशिया कप 2016 में से कांस्य मैडल विजेता बन चुकी है।
- राष्ट्रीय स्तर के जूनियर मुकाबले-2016 में से उसने गोल्ड मैडल जीता था ।
- जबकि इंटरर्वसिटी मुकाबलों में से वह सिल्वर मैडल जीत चुकी है।
- राजविन्द्र कौर ने कहा कि लड़कियों को मारो नहीं बल्कि उनको भी लड़कों की तरह मौके दो ।
- वह भी माता पिता का नाम रोशन कर सकती हैं।
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