चल रह था 200 का नकली नोट, जयपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश
झुंझुनूं। Fake Indian Currency: राजस्थान के झुंझुनूं में जयपुर पुलिस ने नकली नोट चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी दिगत आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि हरमाड़ा में पुलिस ने 23 वर्षीय राहुल सिंह तंवर, निवासी मटाना (चिड़ावा) को नकली नोट सहित गिरफ्तार किया है। Fake Currency
आरोपी हरमाड़ा के कदंब विहार का निवासी है। जयपुर पुलिस को सूचना मिली कि जयपुर में नकली नोटों का धंधा चल रहा है। रानोली थानाधिकारी कैलाश यादव की सूचना पर पुलिस टीम ने कदंब विहार में दबिश देकर नकली नोट गिरोह सदस्य राहुल को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक दौ सौ रुपए का नकली नोट मिला। वहां से पुलिस को कलर प्रिंटर, लैपटॉप, कैमरा, बैट्री चार्जर, 7 एसडी कार्ड, दो कागज की रिम, 26 पेपर बरामद हुए हैं। Fake Currency
राहुल से कड़ी पूछताछ के बाद दो युवक सिंगारा सिंह उर्फ कुलदीप सिंह एवं कृष्ण सिंह को भी हिरासत में लिया गया है। राहुल केवल 12वीं पढ़ा है। उसने पहले कालवाड़ में कैफे खोल रखा था। फर्नीचर का काम कराने के दौरान उसकी पहचान कुलदीप व कृष्ण से हुई। उन दोनों ने अच्छी कमाई करने के लिए नकली नोट बनाने की बात कहीं। घर की छत पर ही नोट बनाने बनाने का सेटअप लगाकर लॉकडाउन में प्रिंटर, लैपटॉप व अन्य पार्ट्स खरीद लिए। पहले उन्होंने 200 व 50 रुपए के नकली नोट बनाने शुरू किए। Fake Currency
चारों ने मिलकर बड़े स्तर पर 200 और 50 रुपए के नकली नोट बनाए। पहले उन्होंने बाजार में थड़ी व सब्जी वालों को ट्रायल के तौर पर नोट चलाने शुरू कर दिए। वे बाजार में छोटे-मोटे सामान खरीदने लग गए थे। कुलदीप व कृष्ण बाजार में नकली नोटों को चलाने का काम करते थे और राहुल व उसका बड़ा भाई संजय मिलकर नकली नोट बनाते थे। फिलहाल उसका बड़ा भाई नकली नोटों के काम से ही दिल्ली में गया हुआ है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
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नकली नोटों के मामले में इससे पूर्व भी नेहरू मार्केट, सब्जी मंडी में काफी शिकायते आ चुकी हैं। जो नकली नोट बाजार में आया है, वह हूबहू असली जैसा ही है। पहली नजर में कोई भी धोखा खा सकता है, लेकिन उसे पकड़ना बेहद आसान है। असली नोट के बीचोंबीच हरे रंग का सुरक्षा धागा है, जिस पर भारत और आरबीआई लिखा हुआ है। हरे रंग का यह सुरक्षा धागा नोट को तिरछा करने पर नीले रंग में चमकता है। नकली नोट में फर्क केवल इतना है कि सुरक्षा धागा टुकड़ों में दिखाई देता है, जबकि असली नोट में पूरा धागा एक साथ दिखाई देता है। इसके अलावा नकली नोट पानी गिरने पर रंग भी छोड़ रहा है।
ऐसे पहचानें नकली नोट:- Fake Currency
नोट में सामने की तरफ 200 रुपये का अंक उस स्थान पर भी है, जो तब दिखेगा जब आप नोट को रोशनी की ओर करके देखेंगे। इसी जगह पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर भी दिखेगी। सामने वाले हिस्से में देवनागरी लिपि में दो सौ लिखा है, उसी तरह पिछले हिस्से में भी देवनागरी में दो सौ लिखा हुआ है। सामने की ओर नोट के बीच में महात्मा गांधी की तस्वीर छपी है और 200 रुपये का वाटरमार्क भी है।
हरे रंग का सुरक्षा धागा, जिस पर भारत और आरबीआई लिखा हुआ है। हरे रंग का यह सुरक्षा धागा नोट को तिरछा करने पर नीले रंग में चमकता है। महात्मा गांधी की तस्वीर के बगल में गारंटी क्लॉज, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर, वादे का क्लॉज और भारतीय रिजर्व बैंक की सील है। सामने की तरफ दायीं ओर नीचे की तरफ 200 रुपये लिखा हुआ, जिसका रंग नोट को तिरछा करने पर हरे से नीले रंग में दिखने लगता है। सामने की तरफ दायीं ओर अशोक स्तंभ का चिह्न है।
नोट की छपाई का वर्ष पीछे की तरफ बायीं ओर लिखा हुआ है। छपाई वर्ष के नीचे ही हिंदी में दो सौ रुपये लिखा हुआ है। पीछे की तरफ बायीं ओर नीचे स्वच्छ भारत का लोगो यानि गांधीजी का चश्मा बना हुआ है, जिसमें स्वच्छ भारत लिखा हुआ है। इसके नीचे स्वच्छ भारत का स्लोगन एक कदम स्वच्छता की ओर लिखा हुआ है, जिसके नीचे भारतीय रिजर्व बैंक लिखा है।
भाषाओं की एक लिस्ट भी दी गई है, जो नोट के पीछे वाले हिस्से में है। यहां 15 भाषाओं में दो सौ रुपये लिखा हुआ है, जिसमें हिंदी नहीं है। इस तरह नोट पर कुल 16 भाषाओं में दो सौ रुपये लिखा है। पीछे की तरफ सांची स्तूप की आकृति बनी हुई है। इस तरह आप बाजार में चल रहे नकली नोट की पहचान कर सकते हैं। ताकि आपको कोई नुकसान न उठाना पड़े।