हमास-इजरायल जंग की लपटों में चपेट में आया भारत
Kerala Ernakulam Blast: फिलिस्तीन समर्थित आतंकवादी संगठन हमास व इसरायल के बीच चल रही जंग की लपटें अब भारत में भी पहुंचने लगी है। केरल राज्य के एर्नाकुलम में एक कन्वेंशन सेंटर में एक के बाद हुए तीन बम धमाके इसका स्पष्ट उदाहरण हैं। इसे सीधे तौर पर भारत देश की आंतरिक सुरक्षा पर अटैक कहा जा सकता है। यही वह इलाका है जहां फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के समर्थन में एक के बाद एक रैलियाँ हो रही हैं।
सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि एक दिन पहले हुई रैली में हमास के नेता खालिद भी वर्चुअल तौर पर शामिल हुआ था। इजराइल व फिलीस्तीन के बीच चल रही जंग में भारत का सीधा समर्थन इसरायल को है। भारत और अपने स्टैंड पर कायम भी है। ऐसी स्थिति में यदि भारत देश के किसी भी राज्य में हमास के समर्थन में कोई रैली या भाषणबाजी होती है तो उसे देश की आंतरिक सुरक्षा डगमगा सकती है। Kerala Ernakulam Blast
ऐसी रैली व भाषणबाजी पर ध्यान देने की जरूरत
समय रहते ऐसी रैलियों पर व ऐसे हमलों पर ध्यान देने की जरूरत है। ध्यान रहे कि केरल के एर्नाकुलम इलाके में कट्टरपंथी मुस्लिम लोग रहते हैं। साथ ही यहां यहूदियों की संख्या भी बहुतायत में है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा के लिहाज से यहां नज़र रखना बहुत जरूरी है। खास बात यह है कि जिस वक्त केरल के एर्नाकुलम में प्रार्थना सभा के दौरान तीन बम धमाके हुए उसे वक्त केरल के मुख्यमंत्री पिन्नराई विजयन खुद हमास के समर्थन में दिल्ली में कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से चल रहे एक धरने में शामिल थे और बम धमाकों के बाद भी वह खुद धरने पर ही मौजूद रहे।
हालांकि उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए उनकी बात राज्य के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस से हो गई है। दूसरी तरफ इस घटना की जानकारी मिलते ही देश के गृहमंत्री अमित शाह जो इस वक्त मध्य प्रदेश में के दौरे पर है, उन्होंने हाई लेवल की मीटिंग बुलाई।
एनआईए व इंटेलिजेंस ब्यूरो मौके पर
इस मीटिंग में अमित शाह वर्चुअल तौर पर शामिल हुए। उन्होंने ठकअ व इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम को मौके पर पहुंचकर तुरंत जांच के आदेश दिए। किसी भी देश में दो तरह की सुरक्षा होती है। पहली आंतरिक सुरक्षा व दूसरी बाह्य सुरक्षा। देश के अंदर रहते हुए यदि देश के ही लोगों पर किसी प्रकार का हमला होता है तो उसे देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा होता है। इसके अलावा देश के बाहर से किसी भी प्रकार की घुसपैठ या किसी प्रकार का आक्रमण होता है तो उसे बाह्य सुरक्षा खतरे में होती है। वर्तमान में भारत को बाह्य सुरक्षा से कोई खतरा नहीं है, लेकिन देश के अंदर ऐसा माहौल जिससे आम जनमानस व सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान हो यह भी बर्दाश्त से बाहर है। Kerala Ernakulam Blast
मणिपुर संघर्ष से भी बिगड़ा माहौल
याद होगा पिछले 5 महीनों से जहां भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में पहले से ही मैती व कुकी जातियों के बीच संघर्ष चल रहा है। इस वजह से भी देश की आंतरिक सुरक्षा पर असर पड़ा है। यह बात अलग है कि वर्तमान में इजरायल व फिलिस्तीन युद्ध की तरफ देश की जनता का ध्यान होने की वजह से मणिपुर के हालातों को लोग भूल रहे हैं, क्योंकि अधिकतर जनसंचार के माध्यम अब मणिपुर के हालातों पर चर्चा करने की बजाय इजरायल व फिलिस्तीन को ज्यादा दिखा रहे हैं।
दो दिन पहले हुई थी हमास के समर्थन में रैली | Kerala Ernakulam Blast
दक्षिण भारत के केरल राज्य में दो दिन पहले जिस एर्नाकुलम में हमास के समर्थन में रैली हुई थी। इस एर्नाकुलम में रविवार को करीब करीब 9:30 बजे कल कालामासेरी स्थित एक कन्वेंशन सेंटर में एक के बाद एक तीन बम धमाके हुए। इन धमाकों में एक महिला की जहां मौत हो गई। वहीं 40 के करीब लोग जख्मी हो गए। कन्वेंशन सेंटर में चल रही प्रार्थना में करीब 2000 लोग शामिल थे। 5 मिनट के अंतराल में हुए अलग-अलग तीन धमाकों के दौरान लोगों में अफरातफरी माहौल बन गया।
इस दौरान केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने एर्नाकुलम इलाके के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है वहीं उन्होंने चिकित्सा को सहित सभी चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द करते हुए ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए हैं। ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिल सके। कुछ भी हो देश भर में किसी भी राज्य में यदि इजराइल-फिलिस्तीन जंग को लेकर कहीं भी किसी प्रकार का आंदोलन होता है तो उसे पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। ताकि हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का खतरा न मंडराए।
आठ पूर्व नेवी अफसरों को मौत की सज़ा भी चिन्तनीय
सबसे बड़ी चिंताजनक बात कतर में भारत के आठ पूर्व अफसरों को सजा मौत मिलने की घटना भी अंतर्राष्ट्रीय समाचारों के बीच दबकर रह गई। हालांकि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा को चुनौती देने की बात कही है। पर ज़रा सोचकर देखें इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विश्व के किसी भी देश ने भारत के आठ अफसरों को एक साथ सजा-ए-मौत की सजा सुनाई हो,वह भी जासूसी के आरोप में। Kerala Ernakulam Blast
इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के सरबजीत को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी, जिसको लेकर भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख करते हुए अपना पक्ष रखा था। तब सब सरबजीत की पैरवी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत के सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने की थी। हालांकि बाद में लाहौर की लखपत राय जेल में उनकी मौत कैदियों के आपसी हमले के दौरान हो गई थी। यह भी एक साजिश का हिस्सा थी।
डॉ. संदीप सिंहमार। वरिष्ठ लेखक एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार।
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