प्रयागराज (एजेंसी)। प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह (Ateek Ahmed) उमेश पाल के अपहरण के मामले में मंगलवार को यहां एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने माफिया अतीक अहमद समेत तीन अभियुक्तों को उम्रकैद और एक एक लाख रुपए जुमार्ने की सजा सुनायी है। इस मामले में अतीक के भाई अशरफ समेत सात को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि विशेष (Ateek Ahmed) न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला की अदालत ने उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को धारा 364 ए और 120 बी के तहत दोषी करार दिया और तीनों को उम्रकैद और एक एक लाख रुपए जुमार्ने की सजा सुनायी। जुमार्ने की रकम पीड़ित परिवार को दी जायेगी। इस मामले में सात अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि अतीक अहमद के खिलाफ मुकदमों में अदालत का यह पहला फैसला है।
अहमदाबाद से प्रयागराज लाया गया अतीक | Ateek Ahmed
गौरतलब है कि राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की पिछले महीने उनके घर के बाहर दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में भी अतीक आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल है। अतीक को मामले में पेश होने के लिये सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अहमदाबाद जेल से प्रयागराज के नैनी सेन्ट्रल जेल लाया गया था जहां आज सुबह उसे बख्तरबंद वाहन में कोर्ट ले जाया गया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को हुई हत्या के मामले में उमेश पाल को गवाही नहीं देने के लिए कई बार धमकी दी गयी थी और 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण करा लिया गया था।
इसी मामले में मंगलवार को अतीक और उसके भाई अशरफ समेत दस आरोपियों को आज एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। अशरफ को बरेली जेल से यहां लाया गया है। अतीक अहमद जून 2019 से अहमदाबाद के साबरमती सेन्ट्रल जेल में बंद है जबकि अशरफ जुलाई 2020 से बरेली जेल में बंद है। प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को उमेशपाल की हत्या कर दी गई। हत्याकांड के मामले में पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद, उसके भाई पूर्व विधायक अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, पुत्र असद, अली, उमर, शूटर, गुलाम, साबिर, मुस्लिम गुड्डू आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
अतीक के खिलाफ पहली बार अदालत में हुआ सजा पर फैसला | Ateek Ahmed
माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद का आपराधिक इतिहास यूं तो दशकों पुराना है मगर राजनीति और अपराध के घालमेल, साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के चलते उसके खिलाफ कोई भी मुकदमा आज से पहले परवान नहीं चढ़ सका था। अतीक के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे विभिन्न अदालतों में दर्ज कराये जा चुके हैं मगर पिछले चार दशकों में पहली बार मंगलवार को माफिया सरगना को सजा सुनायी गयी है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक को राजू पाल हत्या कांड के गवाह उमेश पाल के अपहरण के मामले में उम्रकैद और एक एक लाख रुपए जुमार्ने की सजा सुनायी है।
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