चेन्नई में दो स्वर्ण पदकों सहित जीते चार पदक
-
योग, 100 मीटर दौड़, ऊंची कूद, स्टीपलचेज, हॉफ मैराथन जैसे खेलों की शान बुजुर्ग खिलाड़ी
सच कहूँ/सुनील बजाज, सरसा। रुहानी प्रेरणा व दृढ़ विश्वास के साथ मनुष्य हर मंजिल फतेह कर सकता है। यह सिद्ध कर दिखाया है 86 वर्षीय गांव शाह सतनाम जी पुरा निवासी ईलम चंद इन्सां (Ilam Chand Insan) ने। एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वयोवृद्ध एथलीट ईलम चंद इन्सां ने मॉस्टर्स एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एमएएफआई) के तत्वाधान में 27 अप्रैल से 01 मई तक जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, चेन्नई (तमिलनाडू) में खेली गई 42वीं नेशनल मॉस्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दो स्वर्णों सहित चार पदकों पर कब्जा किया।
उन्होंने अपनी जीत का पूरा श्रेय डेरा सच्चा सौदा, सरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं और रहमत को बताया। हरियाणा की ओर से 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खेलते हुए सरसा के योगा कोच और वयोवृद्ध एथलीट ईलम चंद इन्सां ने 42वीं नेशनल मॉस्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पोल वोल्ट में स्वर्ण, 400 मी. रिले रेस में स्वर्ण, ट्रिपल जंप में कांस्य और 100 मी. रिले रेस में भी कांस्य पदक जीतकर प्रदेश व गांव शाह सतनाम जी पुरा का नाम रोशन किया। विजेता खिलाड़ी को टी-शर्ट, लोयर-अप्पर, कैप, ट्रैक सूट, 2000 रुपए की नगद राशि पुरस्कार के तौर दी गई।
थकान और बुढ़ापे को दी मात
सरसा पहुंचने पर ईलम चंद इन्सां (Ilam Chand Insan) ने बातचीत के दौरान बताया कि सरसा से दिल्ली और दिल्ली से चेन्नई की यात्रा 35 घंटे टेन के माध्यम से की। दो दिनों तक वह सफर में ही रहे। इस बार मेरी तबीयत भी खराब हो गई जिस कारण थकान काफी हुई परंतु मैंने फिर भी अपना 100 प्रतिशत दिया। 400 और 100 रिले रेस में हरियाणा की ओर से टीम का नेतृत्व भी ईलम चंद इन्सां ने किया। उन्होंने कहा कि इस बार वह ज्यादा प्रेक्टिस नहीं कर पाए थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में जन्में ईलम चंद इन्सां 16 वर्ष तक स्कूल के प्रिंसिपल की सेवांए देने के बाद सन् 2000 में वह शुगर और खांसी जैसी बिमारियों के साथ बुरी तरह परेशान हो गए थे। उन्होंने पूज्य गुरुजी से एक मुलाकात के दौरान अपनी शारीरिक परेशानियों के बारे में चर्चा की तो पूज्य गुरु जी ने उन्हें कसरत व योग करने की सलाह दी। पूज्य गुरुजी के पवित्र वचनों पर अमल करते हुए उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अब तक वह 440 के करीब पदक जीत चुके हैं जिसमें 100 के लगभग अंतरराष्ट्रीय, 200 के करीब राष्ट्रीय तथा अन्य जिला, ग्रामीण स्तर पर पदक अपने नाम कर चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा लाइफ अचीवमेंट अवार्ड, माननीय प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान और महामहिम उप राष्टÑपति वैंकेया नायडू स्पोर्ट्समैन एडवेंचर में वयोवृद्ध सम्मान से पुस्कृत हैं।
वयोवृद्ध खिलाड़ी ईलम चंद इन्सां का कहना है कि उम्र के साथ बुजुर्ग होना एक सोच है, जबकि मनुष्य के जज्बे के आगे ऐसी सोच कुछ मायने नहीं रखती, उनके अनुसार 86 वर्ष की उम्र में भी उनकी हिम्मत और जोश आज भी 16 साल की तरह है तथा वह इन उपलब्यिों को आगामी वर्षों में भी जारी रखना चाहते हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।