म्हारी छोरियां छोरयां तै कम हैं कै

'Lady-Farmer'-Amarjeet-Kaur

गन्ने से भरी ट्रॉली लेकर चलती तो देखने वाले दबा जाते हैं दांतों तले उंगली

  • 16 साल की उम्र में संभाला ट्रैक्टर का स्टेयरिंग तो बन गई ‘लेडी फार्मर’

सच कहूँ, देवीलाल बारना
कुरुक्षेत्र। बात खेल के मैदान की हो, बात शिक्षा जगत की हो, बात आईटी सैक्टर की हो या फिर बात आधुनिक खेती की हो, हरियाणा की बेटियों के लिए एक ही बात कही जाती है कि …म्हारी छोरियां छोरयां तै कम हैं के। ऐसे ही गांव अधोई (अंबाला) की बेटी अमरजीत कौर जब गन्ने से भरी ट्रॉली को गन्ना मिल में लेकर पहुंचती है तो लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। मात्र 16 साल की उम्र में पिता बीमार हुए तो अमरजीत कौर ने ट्रैक्टर का स्टेयरिंग संभाल लिया और लेडी फार्मर के रूप में किसानों के लिए मिशाल बन गईं। आज अमेरिका सहित अन्य देशों का शिष्टमंडल अधोई में आकर अमरजीत कौर के खेती के तरीके को देख
चुके हैं।

पिता हुए बीमार तो अमरजीत कौर ने संभाली खेती की कमान

सच कहूँ से विशेष बातचीत में अमरजीत कौर ने कहा कि जब वह 16 वर्ष की थी और उसके पिता दिमागी रूप से बीमार हो गए। ऐसे में उसने खेती की कमान संभाली। शुरु में तो उसको खेती के बारे में ज्यादा पता नहीं था और वह अन्य किसानों से पूछकर ही खेती करती थी। समय बीतता गया तो वह खेती के गुर सीखती गर्इं। कुछ समय बाद उसने अपने खेत में ट्यूबवैल भी लगवाया। एक समय ऐसा भी आया कि उसने अपना ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य मशीनरी खरीद ली और आधुनिक तरीके से खेती करने लगीं। वह खेती के कार्य में अपने साथ कोई हैल्पर नहीं रखतीं, कस्सी से लेकर ट्रैक्टर चलाने तक पूरा काम स्वयं ही करती हैं।

खेती करने के साथ-साथ की एमए की पढ़ाई

अमरजीत कौर ने कहा कि उसके पिता के बीमार होने के समय वह शाहाबाद आर्य महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही थी, उसके बड़े भाई भी पढ़ाई कर रहे थे, उसके भाई का सपना था कि वह पढ़ लिखकर शिक्षक बने। ऐसे में उसने स्वयं खेती करने की सोची और साथ-साथ पढ़ाई भी वह करती रहीं। पहले बीए की, इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एमए की। एनटीटी की पढ़ाई की व गोविंदगढ़ पंजाब से एक वर्ष का एग्रीकल्चर का डिप्लोमा किया। वहीं उसके बडे भाई ने चंडीगढ़ से अपनी पढ़ाई पूरी की व आज वे चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में लैक्चरर हैं। वे एथलीट भी हैं।

ट्रैक्टर रूकवाकर लोग लेते हैं सेल्फी

100 क्विंटल तक भरी ट्रोली से जुडेÞ ट्रैक्टर को चलाना कोई आम बात नहीं है। कई बार तो तगड़े ड्राईवर भी इसमें मात खा जाते हैं लेकिन अमरजीत कौर आसानी से गन्ने को शुगरमिल तक ले जाते हैं। ऐसे में जब अमरजीत कौर ट्रैक्टर चलाकर जाती हैं तो काफी लोग उसे रूकवा लेते हैं व सेल्फी लेते हैं।

कैमिकल रहित खेती करने का दावा

अमरजीत कौर दावा करती हैं कि वह 90 प्रतिशत तक कैमिकल रहित खेती करती हैं। वह किसानों को भी कैमिकल वाली खेती छोड़ने के लिए प्रेरित करती हैं। अमरजीत कौर ने कहा कि उसके खेतों में भरपूर मात्रा में केंचूए अपने आप पैदा हो गए हैं। अमरजीत कौर ने दु:ख भी प्रकट किया कि आज तक सरकार द्वारा उसके कार्य को देखते हुए प्रोत्साहित नहीं किया है।

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