चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने पंजाब भू-राजस्व अधिनियम, 1887 की विभिन्न धाराओं के तहत राज्य के सभी जिला नगर निगम आयुक्तों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कलेक्टर के अधिकार प्रदान किये हैं ताकि हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 के तहत भू-राजस्व के बकाया के रूप में नगर निकाय देय करों, शुल्कों की वसूली कर सके। वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इस आशय की एक अधिसूचना आज यहां जारी की। विभाग ने सभी जिला नगर निगम आयुक्तों को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी के अधिकार भी प्रदान किए हैं। नगर परिषदों के सभी कार्यकारी अधिकारियों को सहायक कलेक्टर द्वितीय श्रेणी के अधिकार दिए गए हैं।
संयुक्त आयुक्तों को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी की शक्तियां दी
नगर निगमों के सभी आयुक्तों को हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 के तहत नगर निकायों को देय कर, शुल्क की वसूली के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में कलेक्टर की शक्तियां भी दी गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी नगर निगमों के सभी अतिरिक्त आयुक्तों और संयुक्त आयुक्तों को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी की शक्तियां दी है। अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि नगर निगमों के समस्त उप-नगर निगम आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों तथा जोनल कराधान अधिकारियों को उनके संबंधित क्षेत्राधिकार में सहायक कलेक्टर ग्रेड-2 की शक्तियाँ प्रदान की गई हैं ताकि वे नगर निकायों को भू-राजस्व के बकाया के रूप में देय करों, शुल्कों एवं प्रभारों की वसूली कर सकें। प्रदेश सरकार ने हाल ही में सभी नगर समितियों में विकास कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से हर जिले में जिला नगर निगम आयुक्त के नए पद सृजित किए हैं।
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