फरीदाबाद (एजेंसी)। एशियन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद (एआईएमएस) के अनुभवी सर्जनों ने जटिल कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं के जरिये न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस से पीड़ित एक स्वीडिश महिला के चेहरे को हंसमुख बनाते हुए उसे आत्मविश्वास से भर दिया है। न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस जेनेटिक डिसआॅर्डर का एक ग्रुप है, जिसकी वजह से नर्व टिश्यू पर ट्यूमर बनता है। स्वीडन की 27 वर्षीय एना को विरासत में न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नामक जेनेटिक रोग मिला था, जिसकी वजह से उसका चेहरा गंभीर रूप से विकृत था। वह इलाज के लिए एशियन इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज में डॉ मनीष नंदा के पास आयी थी। दुर्लभ जेनेटिक डिसआॅर्डर की वजह से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नर्व्स सहित नर्वस सिस्टम में कहीं भी ट्यूमर का निर्माण होता है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
आम तौर पर मरीज जितनी जल्दी किसी न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस के इलाज में प्रशिक्षित डॉक्टर की देखरेख में जाता है, उसे उतना ही बेहतर परिणाम प्राप्त होता है। युवा एना ने दुनिया भर के कई प्रसिद्ध डॉक्टरों से परामर्श किया, लेकिन उसके सभी प्रयास व्यर्थ गए। इससे उसे अपना उचित इलाज मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। इस बीमारी ने न केवल उसे शारीरिक रूप से प्रभावित किया बल्कि उसके आत्मविश्वास को भी हिला दिया था। वह लोगों से मिलने में भी कतराती थी। अंत में वह भारत आई और एआईएमएस, फरीदाबाद में कॉस्मेटिक सर्जन डॉ नंदा से मिली, जिन्होंने उसे उम्मीद बंधाई।
क्या है मामला
रोगी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद डॉ. नंदा ने कहा, ‘एना का मामला चुनौतियों से भरा था। इसमें विभिन्न आकारों के सैकड़ों ट्यूमर उसके पूरे चेहरे को ढंके हुए थे। चेहरे के ट्यूमर की भारी संख्या ने उन्हें सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा हटाने को अपने आप में एक बड़ी चुनौती बना दिया था। इसके अलावा, उसके इलाज में अन्य परेशानियां शामिल थी, जिन्होंने काम को और भी कठिन बना दिया। एक इंटरनेशनल पेशेंट होने के नाते हमें सीमित समय सीमा में और वादे के अनुरूप लागत पर अधिकतम परिणाम देने का काम करना था।
ट्यूमर को सुरक्षित रूप से निकालने और चाहे गए परिणामों को हासिल करने के लिए सर्जरी से पहले स्ट्रैटजी बनाई जानी थी। उन्होंने कहा, ‘ एना के उपचार के लिए अत्यधिक एडवांस और स्पेशल सर्जिकल इक्विपमेंट्स, अत्याधुनिक ब्यूटी लेजर, बोटोक्स इंजेक्शन, फिलर्स और त्वचा को चमकाने वाली प्रक्रियाओं के उपयोग की आवश्यकता थी। एक तकनीकी रणनीति के साथ आगे बढ़ते हुए हम उसे शेष जीवन के लिए हंसमुख और अधिक आत्मविश्वासी चेहरा प्रदान करने में सफल हुए। एना अब बिना किसी जटिलता के सामान्य जीवन जी सकेगी। एना ने डॉ नंदा और उनकी टीम के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है।
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