अशोक खेमका ने अपने 53वें तबादले से परेशान होकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
सच कहूँ/अनिल कक्कड़
चंडीगढ़ । टविटर पर अक्सर सरकार को घेरने वाले सीनियर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (Ashok Khemka) बेशक 53वां ट्रांसफर झेल चुके हैं और इससे वे अक्सर मीडिया में चर्चा का केंद्र भी रहते हैं लेकिन प्रदेश के अन्य सीनियर आईएएस अधिकारी खेमका के इन कारनामों को अलग तरीके से देखते हैं। वे मानते हैं अशोक खेमका ईमानदार हैं लेकिन मीडिया की लाइमलाइट के लिए शायद वे रास्ता भटक गए हैं। बता दें कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अपने 53वें तबादले से परेशान होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाख खट्टर को पत्र लिखा।
- खेमका ने अपने पत्र में कहा कि दब्बू अधिकारी तो फलते-फूलते हैं, जबकि ईमानदार को मामूली भूमिकाएं दी जाती हैं।
- तीन दशक में खेमका का यह 53वां तबादला था।
- वर्ष 1991 बैच के अधिकारी ने खट्टर से उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने देने की अनुमति देने को कहा है।
- हरियाणा सरकार ने पिछले महीने खेमका का तबादला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से अभिलेखागार विभाग में कर दिया था।
- खेमका ने लिखा है, ‘दब्बू और भ्रष्ट अधिकारी सक्रिय सेवा के दौरान खूब फलते-फूलते हैं।
- सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्हें पुरस्कार दे दिया जाता है।
- जबकि ईमानदार को छोटे और मामूली काम सौंपे जाते हैं।
मुख्य सचिवालय के गलियारों में अक्सर अशोक खेमका की चर्चा
वहीं मुख्य सचिवालय के गलियारों में अक्सर अशोक खेमका की चर्चा होती है और ज्यादातर सीनियर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के स्टैंड से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि अशोक खेमका को मीडिया अटैंशन के लिए बस एक ट्विट करने की जरूरत है। अधिकारियों का यह भी मानना है कि एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को कोई भी जिम्मेदारी दी जाती है तो वह उसे पूरी तरह निभाए, कुछ बेहतर करके दिखाए। और वहीं यदि कोई गड़बड़ नजर आती है तो उसे विभागीय स्तर पर चिट्ठी द्वारा या मीटिंग द्वारा बताया जाना चाहिए न कि सीधा मीडिया में उसे उछाला जाए।
खेमका ईमानदार हैं सरकार को उनकी सुननी चाहिए: विज
वहीं आईएएस खेमका के लिए प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा कि वे ईमानदार हैं। अगर वे कोई सुझाव देना चाहते हैं या उनकी कोई शिकायत है तो सरकार को उनकी सुननी चाहिए। विज का इशारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर था। हालांकि पीएम से मांगे गए समय पर उन्होंने कहा कि पहले उन्हें प्रदेश सरकार से बात करनी चाहिए।
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