हरियाणा में आशा वर्करों की सात अगस्त से तीन दिन हड़ताल

ASHA Workers

चंडीगढ़। हरियाणा में आशा वर्करों ने राज्य सरकार पर उनकी समस्याओं के प्रति उपेक्षित रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुये सात से नौ अगस्त तक तीन दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष प्रवेश और महासचिव सुरेखा ने आज यहां जारी संयुक्त बयान में राज्य सरकार पर आरोप लगाया कहा कि वह करोना महामारी में जमीनी स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहीं आशा वर्करों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। मिशन डायरेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को अनेक पत्र लिखने के बावजूद भी अधिकारी और सरकार यूनियन से बात नहीं कर रहे हैं और न ही समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। ऐसे में आशा वर्करों को मजबूरन संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा है।

इन्होंने कहा कि लोगों में कोरोना के लक्षण पहचानने, लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री जानने, यात्रा करके आए लोगों को अलग-थलग करने, लक्षण वाले लोगों के टेस्ट कराने, वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने, उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करने का काम स्वास्थ्य विभाग के तंत्र सबसे निचले पायदान पर काम कर रही आशा वर्करों के हिस्से आया है। कोरोनावायरस से जंग लड़ने में यह काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वयं सरकार और स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना वायरस की रोकथाम में यदि आशा वर्कर इतनी मुस्तैदी और सक्रियता से काम नहीं करती तो संक्रमण की रफ्तार और भी अधिक हो सकती थी। इस तरह से कोरोनावायरस से लड़ने में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशाओं के कंधों पर है जो शत प्रतिशत महिलाएं हैं। यूनियन नेताओं ने बताया कि देश में लगभग 10 लाख और हरियाणा में 20 हजार आशा वर्कर काम कर रही हैं।

 

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।