Haryana News: कैथल , सच कहूं /कुलदीप नैन। कांग्रेस ने लम्बा इंतजार करवाने के बाद आखिरकार बुधवार देर रात उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसमें कैथल जिले की सभी सीटो पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गये। जिस बात का कांग्रेस को डर था और जिस वजह से कांग्रेस टिकट देने में देरी कर रही थी कैथल जिले में वो डर सच साबित होता हुआ दिखा। जैसे ही कांग्रेस ने टिकट जारी की तो सभी हलको से विरोध के सुर सुनाई देने लग गये । कैथल से रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को प्रत्याशी बनाया गया है। तो कलायत से हिसार के सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दिया गया है। उन्होंने दिन में टिकट की घोषणा होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से नामांकन भर दिया था। गुहला से नये चेहरे देवेंद्र हंस को प्रत्याशी पर विस्वास जताया गया है। हालांकि दिल्लूराम बाजीगर ने भी दिन में कांग्रेस के टिकट पर नामांकन किया था लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। पूंडरी हल्के से सुल्तान सिंह जडोला टिकट हासिल करने में कामयाब रहे। वे पहली बार 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते थे। इसके बाद भाजपा में शामिल हुए 2014 में जब भाजपा ने इनका टिकट काट दिया तो इन्होने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
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कलायत में विरोध | Haryana News
कलायत हल्के से जेपी के लड़के विकास को टिकट मिला और यहाँ से टिकट की दौड़ में सबसे आगे चल रही श्वेता ढुल ने टिकट की घोषणा होते ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि “राजा का बेटा ही राजा बनता है मेरे पिता कोई बड़े नेता होते, तो ऐन वक्त पर ऐसे टिकट कटती क्या ? बहरहाल, इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी, लेकिन इतना कहना चाहूंगी कि राजा का बेटा ही राजा बनता है, यही सत्य है। माना जा रहा है यहाँ विकास को जेपी के नजदीकी का लाभ मिला है और श्वेता ढुल रणदीप सुरजेवाला गुट की होने के चलते टिकट की दौड़ में पिछड़ गयी। वहीं अनीता ढुल बढ़सिकरी और धर्मबीर कोलेखा भी सुरजेवाला गुट से थे और दोनों टिकट की रेस में थे लेकिन उन्हे भी टिकट नहीं मिला इससे पहले सतविन्द्र राणा भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने की कह चुके है।
पूंडरी में विरोध | Haryana News
कलायत की तरह ही पूंडरी में भी कांग्रेस से टिकट मांगने वालो की लिस्ट लम्बी थी इनमे सबसे आगे पिछला चुनाव लड़े सतबीर भाणा का नाम था। लेकिन पार्टी ने यहाँ से सुल्तान सिंह को टिकट थमा दी है े पूंडरी में भी हुड्डा का प्रभाव देखने को मिला और यहाँ से भी सुल्तान सिंह को हुड्डा समर्थक होने का फायदा मिला। वहीं सतबीर भाणा की सुरजेवाला से नजदीकिया रही है लेकिन वो उन्हें टिकट दिलाने में असफल रहे। टिकट कटने के बाद सतबीर ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करवाया। इसके अलावा सुनीता बतान भी यहाँ से दावेदार थी उनकी भी टिकट कट गयीञ उन्होंने पार्टी पर रूपयो में टिकट बेचने का भी आरोप लगाया।
पिछली बार निर्दलीय चुनकर गठबंधन सरकार में शामिल हुए रणधीर गोलन ने भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा भरा। बता दे कि गोलन कुछ महीने पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए थे े उन्हें पूंडरी हल्के से टिकट की पूरी उम्मीद थी लेकिन आखिरी समय पर उनका भी टिकट कट गया े नामांकन भरने के बाद उन्होंने कहा कि पूंडरी हल्का एक बार फिर अपना इतिहास दोहराएगा।
गुहला में देवेन्द्र हंस को टिकट | Haryana News
गुहला में पुराने नेताओ को पछाड़ते हुए देवेन्द्र हंस टिकट हासिल कर गये 2019 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वे तीसरे नम्बर पर रहे थे । लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट देकर उन पर विस्वास जताया है े यहाँ भी दिल्लुराम बाजीगर कांग्रेस के पुराने नेता और पूर्व विधायक रहे है और उन्होंने बुधवार को कांग्रेस पार्टी की तरफ से नामांकन भी दाखिल कर दिया था। देवेन्द्र हंस सीवन से है और इस क्षेत्र में उनका अच्छा प्रभाव है जिसका फायदा कांग्रेस को चुनाव में मिल सकता है।
कैथल से आदित्य सुरजेवाला
कैथल से आदित्य सुरजेवाला को टिकट मिली है। हालाँकि उनकी टिकट पर कोई संशय नहीं था बस इंतजार था तो इस बात का कि रणदीप और आदित्य में से किसे टिकट मिलेगी क्योकि यहाँ से कोई बड़ा चेहरा टिकट के दावेदारों में शामिल नहीं था े इस तरह रणदीप सुरजेवाला ने अपने बेटे को राजनीती में उतर दिया है। यह आदित्य का पहला चुनाव है। उनके सामने भाजपा के लीलाराम गुर्जर होंगे व जिन्होंने पिछले चुनाव में उनके पिता रणदीप सुरजेवाला को हराया था।