Blood Donation By Dera Sacha Sauda: सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। पूरी दुनिया में रक्त ही एकमात्र ऐसा तत्व है जिसका विकल्प वैज्ञानिक नहीं ढूंढ पाए हैं। किसी भी मनुष्य के शरीर को गतिमान रखने के लिए रक्त की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। ऐसे में रक्तदान के क्षेत्र में अग्रणी रहने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व स्तर पर रक्तदाता दिवस की शुरूआत हुई। जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना है। Blood Donation
एक वक्त था जब लोग किसी अपने का जीवन संकट में होने पर भी रक्तदान करने से हिचकते थे। ऐसे दौर में डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां रक्तदान के क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आए जिसकी बदौलत अब तक लाखों लोगों को नया जीवन मिला है। पूज्य गुरु जी ने विशाल रूहानी सत्संगों के माध्यम से लोगों को रक्तदान सहित अन्य समाज भलाई के कार्यों के लिए प्रेरित किया। जिसके परिणामस्वरूप डेरा सच्चा सौदा रक्तदान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में सिरमौर है।
पूज्य गुरु जी ने रक्तदान को लेकर जो रीत चलाई आज पूरी दुनिया में श्रद्धालु उसका अनुसरण करके लोगों का अनमोल जीवन बचा रहे हैं। ये पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं का ही कमाल है कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी आधी रात में भी अपनी जेब से पैसा खर्च करके सैकड़ों किलोमीटर दूर निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्तदान करने अस्पतालों में पहुँच जाते हैं। पूज्य गुरु जी ने डेरा सच्चा सौदा के रक्तदाताओं को ट्रू ब्लड पंप की उपाधि दी है। बात अगर आंकड़ों की करें तो अब तक डेरा सच्चा सौदा 10 लाख यूनिट रक्तदान कर चुका है और यह क्रम निरंतर जारी है।
तीन महीने पश्चात जरूर करते हैं रक्तदान | Blood Donation
डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत पूज्य गुरु जी के आह्वान पर देश-दुनिया में 163 मानवता भलाई के कार्य करती है। इन्हीं कार्यों में 12वें कार्य के रूप में शामिल है ट्रयू ब्लड पंप यानी नियमित रूप से खूनदान करना। हर तीन महीने के पश्चात डेरा अनुयायी रक्तदान जरूर करते हैं। बच्चों, खुद व परिवार में किसी का जन्मदिन, परिवार में आने वाले खुशी-गम के अवसरों को भी डेरा श्रद्धालु रक्तदान करके ही मनाते हंै। इसके अलावा भारतीय सेना, पुलिस प्रशासन, थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज व देश का चौथा स्तंभ पत्रकार समाज को निरंतर रक्त उपलब्ध करवा रहा है।
रक्तदान में डेरा सच्चा सौदा के नाम रिकॉर्ड | Blood Donation
- 7 दिसम्बर 2003 को 8 घंटों में सर्वाधिक 15,432 यूनिट रक्तदान।
- 10 अक्तूबर 2004 को 17921 यूनिट रक्तदान।
- 8 अगस्त 2010 को मात्र 8 घंटों में 43,732 यूनिट रक्त दान।
- 12 अप्रैल 2014 को देश के विभिन्न स्थानों पर एक साथ 75777 यूनिट रक्तदान।
‘‘रक्तदान करके अगर किसी की जान बचाई जा सकती है तो यह बहुत पुण्य का काम है। मानवता के नाते मनुष्य को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि पहले की अपेक्षा अच्छा रक्त बनता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है।’’ Blood Donation
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।
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