भारतीय किसान यूनियन की हुई बैठक
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तीन कृषि कानून वापिस न होने तक आंदोलन रहेगा जारी
रोहतक (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय किसान यूनियन चढूनी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कांता आलडिया ने कहा कि जब तक किसान व संविधान जिंदा रहेगा, तब तक देश का वजूद चट्टान की तरज मजबूत रहेगा, लेकिन भाजपा किसान व संविधान को खत्म करने पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि आज किसान व मजदूर की हालत दयनीय बनी हुई है, लेकिन सरकार को सिर्फ कुछ पूंजीपतियों की चिंता है। लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते हर वर्ग दुखी है। उन्होंने साफ कहा कि जब तक सरकार तीन कृषि कानून वापिस नहीं लेती और एमएसएपी पर खरीद गारंटी कानून नहीं बनाती है, तब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। यह बात उन्होंने मंगलवार को किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
कांता आलडिया ने कहा कि केन्द्र सरकार सत्ता के नशे में चूर है। उन्हें किसान व मजदूरों का दु:ख दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। किसान आंदोलन को एक साल होने वाला है, लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद सोई हुई है। इस दौरान करीब नौ सौ किसानों की शाहद हो चुकी भी है, लेकिन सरकार किसानों से बातचीत तक नहीं करना चाहती है। यह कृषि कानून केवल पूजीपतियों के लाभ के लिए ही सरकार ने बनाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को किसान व मजदूरों की अनदेखी का आगामी चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने सिधू बोर्डर पर हुई युवक की हत्या की भी कड़ी आलोचना की और कहा कि इस तरह की घटनाएं अशोभनीय है। उन्होंने तुंरत दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की भी मांग की। बैठक में किसान आंदोलन को लेकर भावी रणनीति तैयार की गई। उन्होंने बताया कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगामी आंदोलन की रूप रेखा तय की जाएगी।
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