Water Testing: इंसान के शरीर का 70% हिस्सा पानी से बना होता है, पानी शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है,डॉक्टर भी रोजाना एक पुरुष को कम से कम तीन लीटर तो वही एक स्त्री को कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं, और गर्मियों के मौसम में तो जितना पिया जाए उतना ही कम है।
बता दें कि देश के लोगों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए भारत में जल शक्ति मंत्रालय भी है, जहां शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 80% आबादी ग्राउंडवाटर पीती है। जिसमें कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्वों के होने की आशंका जताई गई है, तो चलिए जानते हैं कि कैसे इसकी पहचान की जाए और खुद को कैंसर जैसी बीमारी से दूर रखा जाए।
पानी में मौजूद कैंसर को बढ़ावा देने वाले तत्व | Water Testing
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ग्राउंडवाटर से पानी की जो सप्लाई हो रही है, उसमें टॉक्सिक मेटल्स तय मात्रा के स्टैंडर्ड से ज्यादा पाए गए हैं, आसान भाषा में कहे तो पानी जहरीला होता जा रहा है। दरअसल पानी में कुछ ऐसे पदार्थ मौजूद है जो कम संख्या में होने चाहिए थे, लेकिन उनकी संख्या बहुत ज्यादा है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि भारत के कई जिले ऐसे हैं जिनके ग्राउंड वाटर में आर्सेनिक और आयरन की मात्रा फिक्स्ड स्टैंडर्ड से काफी ज्यादा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ज्यादा आर्सेनिक और आयरन वाले पानी को अगर पिया जाएगा तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, यहां तक कि कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
कैसे पता किया जाए की पानी जहरीला है या नहीं? Water Testing
अगर आपको पानी पीने के बाद पेट दर्द, उल्टी दस्त या कुछ ऐसे सिम्टम्स नजर आ रहे हैं, जो सामान्य तौर पर नहीं होते, तो आप पानी को ले जाकर पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की वॉटर टेस्टिंग लैब में पानी की जांच करवा सकते हैं। सभी राज्य में इस तरह की वॉटर टेस्टिंग लैब मौजूद होती है। घर के पानी की जांच करने के लिए आपको 500 से 600 रुपए तक का खर्चा आता है, पानी को करीब 14 पैरामीटर्स के आधार पर चेक किया जाता है तब जाकर रिपोर्ट में पता चलता है कि यह पानी पीने लायक है या फिर नहीं……