नाहन (सच कहूँ न्यूज़)। Nahan News: हिमाचल प्रदेश के नाहन विकास खंड के बर्मा पापड़ी निवासी अनूप इन्सां ने संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से अपने 14 वर्षीय बेटे की तीमारदारी के बीच भी रक्तदान कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। वह पीजीआई चंडीगढ़ में अपने बेटे की देखभाल कर रहे थे, लेकिन जैसे ही ड्रॉप्स ऑफ़ होप्स सोसाइटी (Drops of Hopes Society) के माध्यम से उन्हें पता चला कि शिलाई विकास खंड के 50 वर्षीय जंगलिया राम को आपातकालीन स्थिति में AB+ रक्त की आवश्यकता है, उन्होंने बिना समय गंवाए रक्तदान करने का निर्णय लिया। Blood Donation
पीजीआई चंडीगढ़ में रक्तदान करते अनूप
अनूप का यह 68वां रक्तदान था, और उन्होंने अपने कर्तव्य के साथ-साथ सेवा की भावना को भी दर्शाया। उनकी इस अद्भुत सोच और समर्पण की चारों ओर सराहना हो रही है। यह घटना यह संदेश देती है कि रक्तदान महादान है, और इससे बड़ा कोई परोपकार नहीं हो सकता।
सोसाइटी के अध्यक्ष ईशान राव ने बताया कि अनूप हमेशा रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं। जैसे ही उन्हें पीजीआई में ही किसी मरीज को आपातकालीन रक्त आवश्यकता की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत मरीज के तीमारदारों से संपर्क किया और रक्तदान कर दिया। उनका यह सराहनीय कार्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उधर, एक बातचीत में अनूप ने बताया कि उन्होंने पहली बार 1994 में रक्तदान किया था, और तब से वे लगातार रक्तदान कर रहे हैं। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन रक्त की कमी से नहीं जाना चाहिए। वे हमेशा इस सेवा के लिए तत्पर रहते हैं और दूसरों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं। Blood Donation
अनूप जैसे समर्पित रक्तदाता यह साबित करते हैं कि इंसानियत और सेवा का जज्बा किसी भी परिस्थिति से बड़ा होता है। जब लोग अपनों के लिए भी रक्तदान करने से कतराते हैं, तब अनूप जैसे निस्वार्थ व्यक्तित्व समाज के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बनते हैं। यह घटना हर उस व्यक्ति के लिए एक संदेश है जो रक्तदान करने से हिचकिचाता है। रक्तदान केवल एक जरूरतमंद की जान ही नहीं बचाता, बल्कि समाज में मानवीय मूल्यों को भी मजबूत करता है।
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