दो जवान बेटों की मौत से टूट चुकी थी महिला
- सरकार से ऋण सहायता लेकर किया दुकान का विस्तार
- कॉस्मेटिक व कपड़ों की दुकान से चल रहा गुजर बसर
भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। असमय दो बेटों की मृत्यु से टूटी बबली के जीवन बसर के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार योजना (Antyodaya Parivar Utthan Yojana) वरदान साबित हुई। बबली ने इस योजना के तहत ऋण सहायता ली और अपनी दुकान को विस्तार देकर नया स्वरूप दिया। इससे उसके परिवार का गुजर-बसर सही ढंग से होने लगा है। भिवानी जिला के कस्बा सिवानी से वार्ड नंबर-5 निवासी बबली के एक बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई थी तथा एक बेटा बीमारी की वजह से खो दिया था। दो बेटों के इस दुनिया से चले जाने पर वह पूरी तरह टूट चुकी थी।
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उस समय वह करियाणा की छोटी सी दुकान चलाती थी। असहनीय दु:ख के उस दौर में उसका काम बंद सा हो गया था। उसके परिवार में पति के अलावा एक बेटा शेष बचा। बबली ने हिम्मत नहीं हारी और फिर से मेहनत करने की ठानी। बबली को अंत्योदय परिवार योजना मेले के बारे में पता लगा। सिवानी में लगे मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना (Antyodaya Parivar Utthan Yojana) के तहत मेले में बबली ने हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम से दुकान से संबंधित ऋण सहायता योजना की जानकारी ली।
उन्होंने मेले के दिन ही आवश्यक दस्तावेज जमा किए। 15 दिनों के भीतर विभाग ने एक लाख रुपये का ऋण स्वीकृत किया, जिसकी मदद से उसने आवश्यक सामान खरीदा और अपनी दुकान में विस्तार किया। बबली कॉस्मेटिक सामान व कपड़ों की बिक्री के साथ-साथ सिलाई का कार्य भी कर रही है। इससे उसकी आमदनी बढ़ी। हालातों से टूटी बबली मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के सहारे आज अपने पैरों पर खड़ी होकर सम्मानजनक जीवन जी रही है।
बबली ने बताया कि दो बेटों के जाने से उसके ऊपर एक तरह से दु:खों का पहाड़ टूट गया था। उसकी किरयाणा की दुकान एक तरह से बंद सी हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना सहारा बनी। इस बारे में उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना का उद्देश्य अत्यंत गरीब परिवारों की पहचान करके उनको स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही चौथे चरण के मेले आयोजित किए जाएंगे, जिसके माध्यम से चिन्हित किए गए परिवारों को बुलाकर उनको स्वरोजगार के लिए ऋण सहायता प्रदान की जाएगी।
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