कानपुर (एजेंसी)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और आईआईटी बॉम्बे में संयुक्त रूप से विकसित तकनीक वायु प्रदूषकों और कोरोना वायरस के खिलाफ एक ब्रह्मास्त्र साबित हुई है। इस तकनीक को ‘एंटी-माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलॉजी’ नाम दिया गया है। यह न केवल हवा को शुद्ध करती है बल्कि केवल एक मिनट के भीतर 99.9 फीसदी की प्रभावकारिता के साथ कोरोना वायरस समेत अन्य कीटाणुओं को निष्क्रिय करने में सक्षम साबित हुई है। प्रौद्योगिकी का परीक्षण सीएसआईआर-इमटेक में किया गया है। संस्थान के एक प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया अभी भी घातक कोरोना वायरस की चपेट से मुक्त नहीं है क्योंकि अभी भी कुछ समय अंतराल पर वायरस उत्परिवर्तन हो रहा हैं।
दुनिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों के शोध में पाया गया है कि वायु प्रदूषण का कोविड-19 के साथ संयोजन कहीं अधिक गंभीर और खतरनाक है। जब महामारी आयी, तो वायु शोधक उद्योग ने भी महत्वपूर्ण मांगों और परिवर्तनों को देखा लेकिन, नोवेल कोरोना वायरस से लड़ते हुए अधिक से अधिक प्रभावोत्पादकता प्राप्त करना कठिन था। स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी), आई आई टी कानपुर में इनक्यूबेट किए गए स्टार्टअप एआईआरटीएच द्वारा विकसित यह नई तकनीक इस संबंध में काफी प्रभावी उपाय साबित हुई है। अब सीएसआईआर-इमटेक मान्यता के साथ, इस तकनीक को कोविड से निपटने के अपने प्रयासों में अग्रणी कहा जा सकता है।
जानें, तकनीक के बारे में
आईआईटी बांबे से पर्यावरण इंजीनियरिंग में परास्नातक एवं एआईआरटीएच के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कौशिक ने बताया कि एआईआरटीएच की अपेक्षाकृत नई तकनीक बाजार के अन्य समान एयर प्यूरीफायर से अलग है। मौजूद समय में बाजार में उपलब्ध एयर प्यूरीफायर की पिछली पीढ़ी, कणों को पकड़ने के तंत्र पर काम करती है हालांकि फिल्टर माध्यम के निरंतर अधिक उपयोग से फिल्टर खुद पेट्री डिश की तरह कीटाणुओं के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है।
एआईआरटीएच की नई तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि फिल्टर, यूवी विकिरण और ओएच (हाइड्रॉक्सिल) रेडिकल्स पर प्लांट बेस्ड कोटिंग के कारण कीटाणु निष्क्रिय हो जाएं। यह डी-सी-डी (डीएक्टिवेट-कैप्चर-डिएक्टिवेट) तंत्र पर काम करता है, जिसमें पारंपरिक यूवी-आधारित एयर प्यूरीफायर की तुलना में 8000 गुना बेहतर कीटाणुशोधन दक्षता हो सकती है। एआईआरटीएच की तकनीक हवा जनित रोगजनकों और वायरस को इनफ्लाइट निष्क्रियता के माध्यम से निष्क्रिय कर देती है। उन्होने बताया कि एआईआरटीएच एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफायर पहले से ही अस्पतालों में उपयोग में हैं, जो सामान्य सर्दी से घातक जोखिम वाले इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज्ड कैंसर रोगियों की रक्षा करते हैं।
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