देश-दुनिया का यह दुर्भाग्य रहा है कि यहां संत-महापुरुषों के समाज सुधार और मानवता भलाई कार्यों को कभी भी वक्त की सरकारों ने सहन नहीं किया। पंजाब पुलिस ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है, जिसने डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का नाम पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के मामले में जोड़कर सरकार ने संतों के विरुद्ध अपनी परम्परा को जारी रखा है। हालांकि सीबीआई पांच साल की अपनी जांच में डेरा व डेरा श्रद्धालुओं को इस मामले में पाक साफ करार दे चुकी है। पूज्य गुरु जी का शुभ नाम ही अपने आप में धार्मिक-सद्भावना व एकता का प्रतीक है।
पूज्य गुरु जी ने हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करने और धर्मों की पावन शिक्षा को जीवन में अपनाने की शिक्षा दी है। पूज्य गुरु जी ने करोड़ों लोगों को नशे व सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति दिलवाकर धर्मों की शिक्षा के साथ जोड़ा। पंजाब पुलिस का झूठ एक बार पहले भी बेनकाब हो चुका है, जब पुलिस ने 2007 में पूज्य गुरु जी के खिलाफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज जैसी पोशाक पहनने का मामला दर्ज किया था तब माननीय अदालत ने इस मुकदमे को सिरे से खारिज कर दिया था। पूज्य गुरु जी के समाज भलाई के कार्य और धर्मों की शिक्षा का प्रचार स्वार्थी ताकतों को पच नहीं रहा। पूज्य गुरु जी ने तो फिल्मों जैसे क्षेत्र में भी नशा, वेश्यावृत्ति व भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों को दूर करने की आवाज उठाई। लेकिन समाज विरोधी ताकतों ने मानवता भलाई के इस प्रयास को रोकने के लिए भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। खैर झूठ सदैव झूठ ही रहता है। झूठ कभी सच की बराबरी नहीं कर सकता। बादल सूरज की तेजस्विता को रोक नहीं सकते, एक दिन सच की जीत निश्चित है।
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