चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में किसानों ने हालात की नजाकत को पहचानते हुये 23 नवंबर से राज्य के सभी ट्रैकों से धरने हटाने (Emptying of track) की घोषणा की है ताकि मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों की बहाली हो सके। इस सिलसिल में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आज किसान यूनियनों से बातचीत हुई तथा उन्होंने सभी किसान संगठनों से राज्य की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुक्सान तथा अन्य सामान की आपूर्ति प्रभावित होने और यात्रियों की परेशानी को देखते हुये रेल रोको आंदोलन वापस लेने की अपील की। कैप्टन सिंह की अपील पर किसानों ने सभी ट्रैकों से धरने उठाने का ऐलान किया ताकि मालगाड़ियों के अलावा यात्री ट्रेनों की आवाजाही बहाल हो सके।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आज किसान यूनियनों से हुई बातचीत
ज्ञातव्य है कि किसानों ने गत एक अक्तूबर से रेल रोको धरना शुरू किया और अब तक चल रहा है। किसानों के इस ऐलान के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को राज्य में सभी रेल सेवाएं बहाल करने और कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिये किसान प्रतिनिधियों से बातचीत करने की अपील की। किसान यूनियनों का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं को विश्वास दिलाया कि वह उनकी माँगों को लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से जल्द ही मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सभी एकजुट होकर केंद्र पर दबाव डालें और अपना पक्ष स्पष्ट कर बतायें कि कैसे केंद्रीय कानून पंजाब को तबाह कर देंगे।
उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि किसानों के संघर्ष में वह उनके साथ हैं। हम सभी की रगों में किसानी खून है। कैप्टन सिंह ने किसान नुमायंदों से वायदा किया कि वह उनकी अन्य माँगें भी देखेंगे जिनमें गन्ने की कीमत में वृद्धि, बकाए की अदायगी और अवशेष जलाने के मामले में दर्ज प्राथमिकी रद्द करनी शामिल हैं। वह इन मुद्दों पर अगले एक हफ्ते बातचीत करेंगे और इस मामले पर विचार-विमर्श के लिए अधिकारियों की एक कमेटी बनाएंगे। किसान संगठनों द्वारा रेल रोकें हटाने के फैसले का स्वागत करते हुए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने राज्य और किसानों के हित में सभी पार्टियों को एकजुट होने का आहवान किया। उन्होंने ऐलान किया ‘हम पंजाब को जलने नहीं देंगे, हम भाजपा को ग्रामीण-शहरी या धार्मिक रास्ते पर बाँटने नहीं देंगे।
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