खतौली (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खतौली विधायक विक्रम सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर के कवाल शहर में हुए दंगों के मामले में एमपी-एमएलए अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया है, जिसके कारण उत्तर प्रदेश विधानसभा ने खतौली सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अधिसूचना जारी कर दी है।
सैनी को दोषी करार दिए जाने वाली तिथि से अयोग्य माने जाएंगे। अभियोजन सूत्रों ने बताया कि सैनी सहित 12 लोगों को 11 अक्टूबर को दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी और प्रत्येक को 10,000 रुपये के जुमार्ने का आदेश दिया गया था, जबकि अन्य 15 को कवाल गांव में 2013 में हुए दंगों के आरोप से यहां की एक स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया था। निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि इस सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होगा। आयोग ने बताया कि 10 नवंबर को अधिसूचना, 17 नवंबर तक नामांकन, 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच, 21 नवंबर तक नामांकन वापस ले सकते हैं। वहीं 5 दिसंबर को मतदान होगा। इसके अलावा 8 दिसंबर को मतगणना होगी।
क्या है मामला:
इससे पहले 28 नामजद आरोपियों के खिलाफ 29 अगस्त 2013 को कवाल गांव में हुए सांप्रदायिक दंगों के संबंध में जनसठ थाने में मामला दर्ज कराया गया था। सैनी समेत 12 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य 15 को मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता और रामपुर सदर सीट से विधायक आजम खान के बाद सैनी दूसरे ऐसे विधायक हैं जिन्हें अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया है।
इससे पहले अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के मामले में रामपुर की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खान को उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अदालत ने आजम खान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रामपुर के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का दोषी करार दिया गया था और उन्हें 25,000 रुपये के जुमार्ने के साथ तीन साल की कैद की सजा सुनाई।
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