राष्ट्रपति मुखर्जी और पीएम मोदी करेंगे देश में जीएसटी लागू होने का ऐलान
नई दिल्ली। आजादी के बाद देश के सबसे बड़े आर्थिक सुधार ‘एक राष्ट्र-एक कर’ की अवधारणा पर आधारित ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आखिरकार 1 जुलाई से लागू हो रहा है। संसद के केन्द्रीय कक्ष में शुक्रवार की आधी रात आयोजित हो रहे एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी घंटा बजाकर देश में जीएसटी लागू होने का ऐलान करेंगे, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित कई दलों ने समारोह में भाग नहीं लेने का ऐलान किया है।
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, विक्रय कर, चुंगी कर, वैट जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर जीएसटी बनाया गया है और इसके लागू होने पर लगभग अधिकांश अप्रत्यक्ष कर समाप्त हो जाएंगे और वस्तुओं का एक राज्य से दूसरे राज्य में निर्बाध प्रवेश शुरू हो जाएगा। हालांकि, सरकार कह रही है कि इससे लागू होने के बाद महंगाई नहीं बढ़ेगी और इसका अनुपालना सरल होगा, लेकिन कुछ विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि इसके लिए अभी तैयारियां पूरी नहीं हैं और कारोबारी भी इसके लिए तैयार नहीं हैं।
सेंट्रल हॉल में बड़े स्तर पर एक रिहर्सल
जीएसटी का प्रारंभ में तत्कालीन विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ही कड़ा विरोध किया था, लेकिन अब उसका कहना है कि इसके लिए राज्यों के बीच आम सहमति बनाई गई है और लगभग सभी राज्य तैयार हैं। 30 जून को जीएसटी की ऐतिहासिक शुरूआत से पहले सरकार की ओर से वीरवार रात संसद के सेंट्रल हॉल में बड़े स्तर पर एक रिहर्सल की गई।
जम्मू कश्मीर को छोड़कर देश के सभी 30 राज्यों/विधानसभा वाले केंद्रशासित प्रदेशों ने इससे जुड़े एसजीएसटी कानून को पारित किया है। पश्चिम बंगाल और केरल ने इसके लिए अध्यादेश का सहारा लिया है, जबकि शेष राज्यों की विधानसभाओं ने एसजीएसटी कानून को पारित किया है।
जीएसटी से कर में आने वाली कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचना चाहिए। लक्जरी कार कंपनियां और दुपहिया वाहन निर्माता अपने वाहनों की कीमतों में कमी का ऐलान कर चुके हैं।
अरूण जेटली, वित्तमंत्री।
कांग्रेस नहीं लेगी जीएसटी पर संसद बैठक में भाग
कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की मध्य रात्रि में बुलाई गई संसद की विशेष बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय किया है। पार्टी प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बताया कि कांग्रेस जीएसटी लागू करने के बारे में विशेष बैठक में भाग नहीं लेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से मुलाकात के बाद यह निर्णय किया गया।
तृणमूल कांगे्रस पहले ही इस समारोह का बहिष्कार की घोषणा कर चुकी है। कुछ नेताओं का मानना है कि जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है तथा सभी पक्षों को ध्यान में नहीं रख गया है जिसके कारण छोटे व्यापारियों एवं कारोबारियों के लिए समस्याएं बढ़ सकती है।
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