अनिल विज ही सीआईडी के मुखिया

CoronaVirus in Haryana

राज्यपाल द्वारा पोर्टफोलियो अलॉटमेंट में नहीं दिखाया गया अलग विभाग (Anil Vij)

  •  मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सलाह पर राज्यपाल के आदेश पर जारी हुआ था नोटिफिकेशन

  •  पोर्टफोलियो के अलॉटमेंट अनुसार गृह विभाग का ही हिस्सा है सीआईडी विभाग

अश्वनी चावला चंडीगढ़। सीआईडी विभाग को लेकर चल रहे विवाद में हर कोई सिर्फ सरकारी वेबसाइट की तरफ नजर दौड़ा रहा है। जबकि सरकारी वेबसाइट की तरफ से पोर्टफोलियो के अलॉटमेंट नहीं होती है। पोर्टफोलियो की अलॉटमेंट करने का एकाधिकार हरियाणा के राज्यपाल के पास ही आरक्षित है। हरियाणा के राज्यपाल द्वारा जारी किए गए पोर्टफोलियो अलॉटमेंट के अनुसार (Anil Vij ) गृह मंत्री अनिल विज ही सीआईडी विभाग के भी मुखिया हैं। सीआईडी के उच्च अधिकारियों को अनिल विज को बतौर विभागी मंत्री रिपोर्ट देनी पड़ेगी।

  • राज्यपाल द्वारा किए गए विभागों की अलॉटमेंट के समय में सीआईडी विभाग को अलग नहीं दिखाया गया है
  • इस हिसाब से सीआईडी आज भी गृह विभाग के ही अधीन चलते हुए गृह विभाग के मंत्री को रिपोर्ट करेगा।

 किसी भी विभाग में तब्दीली करने से पहले राज्यपाल की इजाजत जरूरी (Anil Vij )

 किसी भी विभाग की अलॉटमेंट करने का सिर्फ राज्यपाल को ही एकाधिकार है और इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा सिफारिश की जाती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सिफारिश पहुंचने के उपरांत ही राज्यपाल की तरफ से 14 नवंबर 2019 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए विभागों के अलॉटमेंट की गई थी। जिसके तहत अनिल विज को मिले 7 विभागों में से गृह विभाग पहले नंबर पर रखा गया था।

  • इसी के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अलॉटमेंट किए गए विभागों के आदेश में कहीं पर भी ।
  • अलग से क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट का जिक्र नहीं किया गया है।
  • आजकल सीआईडी विभाग को लेकर पिछले कुछ दिनों से माहौल गर्म हुआ पड़ा है।

किसी भी विभाग में कोई नहीं कर सकता तब्दीली

हरियाणा के मंत्रियों को अलॉट हुए विभागों में किसी भी तरह की कोई भी फेरबदल राजनीतिक या फिर अधिकारियों के स्तर पर नहीं की जा सकती है। क्योंकि इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखित रूप में राज्यपाल को सिफारिश भेजनी होगी और उसी सिफारिश को मंजूर करने के पश्चात ही अलॉटमेंट हुए विभागों में किसी तरह का फेरबदल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से पूर्व चाहे राज्य सरकार या विधानसभा की वेबसाइट सहित किसी भी वेबसाइट या अन्य जगहों पर सीआईडी विभाग किसी अन्य मंत्री के साथ लिखने से विभाग के अलॉटमेंट नहीं हो सकती है।

एडिशनल मुख्य सचिव गृह को रिपोर्ट करते हैं सीआईडी चीफ

पुलिस विभाग की तरह ही क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विभाग राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी तरह की फाइल को पास करवाने या आदेशों को लेने के लिए एडिशनल मुख्य सचिव गृह विभाग के जरिए ही सारी कार्रवाई करते हैं।

  • एडिशनल मुख्य सचिव गृह विभाग को ही सीआईडी चीफ रिपोर्ट करते हैं।
  • गृह विभाग के मंत्री अनिल विज के अधीन होने के चलते क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विभाग उनके अधीन ही रहेगा।

आज तक नहीं हुआ सीआईडी अलग विभाग

राज्य सरकार व हरियाणा विधानसभा के दस्तावेज में आज तक क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विभाग कभी भी अलग विभाग नहीं बनाया गया है। क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विभाग राज्य पुलिस के अधीन ही रहता है। सीआईडी में अभी तक पिछले समय दौरान एडीजीपी रैंक का अधिकारी ही मुखिया बनता है और सीआईडी के एडीजीपी को राज्य की सभी तरह की खुफिया रिपोर्ट से विभाग के प्रमुख डायरेक्टर जनरल पुलिस (डीजीपी) को समय-समय पर अवगत करवाना होता है।

  • इसके साथ ही इस विभाग के मुखिया को भी जानकारी देनी होती है।
  • पहले समय के दौरान मुख्यमंत्री ही अपने पास गृह विभाग रखते आए हैं ।
  • जिसके चलते सीधा मुख्यमंत्री को खुफिया रिपोर्ट भेजी जाती थी।
  • परंतु अब गृह विभाग का मंत्री अलग होने के चलते खुफिया रिपोर्ट को भेजने को लेकर विवाद पनपा हुआ है।

 

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