पानी निकासी व्यवस्था न होने के खिलाफ प्रदर्शन
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। ग्राम पंचायत की गलियों से पानी निकासी की उचित व्यवस्था न होने से नाराज गांव दो केएनजे के ग्रामीणों ने गुरुवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के बैनर तले टाउन स्थित पंचायत समिति कार्यालय में प्रदर्शन किया। पार्टी के तहसील सचिव शेरसिंह शाक्य के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने पंचायत समिति कार्यालय में सांकेतिक धरना देकर नारेबाजी भी की। इसके बाद विकास अधिकारी को मांगों संबंधी ज्ञापन सौंपा गया। शेरसिंह शाक्य ने बताया कि ग्राम पंचायत 2 केएनजे के वार्ड 9 में शमशान घाट बना हुआ है। उसको मात्र एक ही गली लगती है जो गुरनायब सिंह के घर से लेकर शमशान घाट तक जाती है। लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था न होने से इस गली में हर समय पानी भरा रहता है। इस गली में घरों से निकलने वाले पानी से दलदल बनी हुई है।
बारिश के बाद गली तलाब का रूप धारण कर लेती है। दुखद बात यह है कि गांव में जब भी कोई अकाल मौत होती है तो शव को शमशान भूमि में ले जाने के लिए इस गली से होकर गुजरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शाक्य ने बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से नालियों व सड़कों का लेवल निकालकर चक 2 केएनजे के वार्ड 8, 9, 10 व 11 की आधी आबादी से ज्यादा के पानी की निकासी गांव के पुराने जोहड़ में की गई है। लेकिन वार्ड 10 की महिला पंच की ओर से जोहड़ में मिट्टी व कचरा डालकर उसमें लगे हुए बोर को बंद कर दिया गया है। इससे जोहड़ का पानी ओवरफ्लो होकर बारिश के समय लोगों के घरों में घुस जाता है। इसके अलावा गांव के ही कुछ लोगों ने वार्ड 11 में राधा स्वामी डेरा के नजदीक दौलतराम के घर से टहल सिंह की चक्की तक एक गली को करीब 3 साल से कब्जा कर बंद कर रखा है।
इस बारे में कई बार पंचायत समिति के विकास अधिकारी को अवगत करवाया गया लेकिन आज तक इस गली को नहीं खुलवाया गया है। ग्रामीणों ने मांग की कि ग्राम पंचायत 2 केएनजे में गुरनायब सिंह के घर से शमशान भूमि तक गली आम के पानी निकासी की उचित व्यवस्था के लिए नाली के साथ ही पक्की सड़क का निर्माण किया जाए। साथ ही गांव में बने पुराने जोहड़ पर हुए नाजायज कब्जे को हटवाकर उसमें लगे बोर को सुचारू रूप से चालू करवाया जाए। वार्ड 11 में कब्जा की हुई गली को तुरन्त प्रभाव से खुलवाए जाने के आदेश देने की मांग भी ज्ञापन में करते हुए कहा कि समस्या का समाधान न होने पर ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस मौके पर बहादुर सिंह चौहान, सुखवीर सिंह, माया, जरनैल, कृष्ण, काशीराम, सरबती, हरपाल कौर, शिवा, नवीन, विनोद, बनारसी, कमला, सुमित, हरबंस, जसकरण सिंह, तरसेम सिंह, शिशपाल, गुरचरण सिंह, नारायण राम, भगवान सिंह, गुरनायब सिंह, दारासिंह, प्रीतमसिंह सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।