धरना देकर जताया रोष, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी (Agricultural bills Protest)
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खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलाने की भी मांग
भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। कृषि संबंधी बिलों को वापिस लेने, स्वामीनाथ आयोग की रिपोर्ट अच्छे तरीके से लागू करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। धरने में सिवानी के किसानों ने भी भाग लिया। किसान सभा के राज्य उप प्रधान मास्टर शेर सिह ने कहा की वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार किसान विरोधी है। तीनों किसान विरोधी कानून के बाद किसान बिल्कुल ही मारा जाएगा। किसानों को न स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू कर रहे हैं और न फसलों की खरीद हो रही है। किसान सभा के राज्य सचिव दयानन्द पूनिया ने कहा कि पूरे जिला में किसानों की सभी फसलें सूखे, सफेद मक्खी, झुलसा रोग, उखेड़ा से बिल्कुल खराब हो चुकी हैं।
परन्तु अभी तक सरकार सिर्फ कपास की स्पेशल गिरदावरी करवा रही है। किसान सभा सभी फसलों की विशेष गिरदावरी की मांग करती है। पिछले 2 साल से ट्यूबवैल कनक्शन किसानों को पैसे लेकर भी नहीं दिए जा रहे हैं। किसानों की कपास समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदी जा रही है। कपास का सरकारी भाव 5700 रुपये है और खरीदी जा रही है 4800 रुपये। इसी तरह बाजरे का सरकारी भाव 2150 और खरीदा जा रहा है 1400 रुपये। मंूग का सरकारी भाव 7400 रुपये होने के बावजूद खरीद 5500 रुपये है। किसान सभा ने फैसला लिया है कि जब तक सभी फसलों की विशेष गिरदावरी नहीं करवाई जाएगी, किसान सभा का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा। किसान सभा के जिला प्रधान करतार ग्रेवाल ने कहा कि पूरे जिला भर के किसान संगठनों की एक पंचायत 7 अक्तूबर को बहल में होगी।
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