पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मीडिया से मिलने की अनुमति नहीं, उन्होंने कहा- यह लोकतंत्र का काला दिन
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश समेत तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के कई नेताओं को बुधवार सुबह नजरबंद कर दिया गया। दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ सरकार के विरोध में अपने आवास पर सुबह 8 बजे से भूख हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस प्रशासन ने अटमाकुर समेत संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगा दी।
नायडू को मीडिया से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का काला दिन है। प्रशासन ने चंद्रबाबू के अलावा उनके कई समर्थकों को भी नजरबंद किया है। वहीं, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू और उनके समर्थकों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया।
तेदेपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा: लोकेश
उंदावल्ली में नजरबंद नारा लोकेश ने कहा, ‘‘विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। प्रशासन या सरकार हमें नहीं रोक सकते। हमारे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी तेदेपा को तोड़ने की कोशिश कर रहे। वाईएसआर कांग्रेस के विधायक खुलेआम धमकी दे रहे। वे कह रहे हैं कि पुलिस उनके साथ है। हमारे नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है।
चंद्रबाबू ने एक दिवसीय भूख हड़ताल की अपील की थी
चंद्रबाबू ने जगन रेड्डी पर राजनीतिक हिंसा करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया था। उन्होंने अपने समर्थकों से बुधवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक विरोध के लिए अपने-अपने क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठने की अपील की थी। साथ ही तेदेपा ने ‘चलो अटमाकुर’ नारा भी दिया था। चंद्रबाबू ने जगन की पार्टी पर तेदेपा समर्थकों की हत्या का भी आरोप लगाया है।
तेदेपा ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को धमकियां मिल रही हैं। पार्टी ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में आठ कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इनमें ज्यादातर गुंटुर जिले के अटमाकुर और पलनाडू क्षेत्र के थे। इसके विरोध में चंद्रबाबू ने तेदेपा समर्थकों से बुधवार को गुंटुर से पलनाडू के अटमाकुर गांव तक रैली करने की अपील की थी।
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