भट्टा मालिक ने खुदवाए थे ‘मौत के गड्ढे’

Amroha-News
  • मां बोली- 350 रुपए देकर कहते थे ज्यादा काम करो, अब ये पैसे रख लो, मेरा बेटा लौटा दो
  • बिहार के प्रवासी मजदूरों के अस्थायी आशियानों में पसरा मातम
  • भट्ठा संचालक, ठेकेदार और ट्रैक्टर चालक पर मुकदमा दर्ज

कपिल कुमार
अमरोहा के गजरौला में ईंट भट्ठे में काम करने के लिए बिहार (Amroha News) के जमुई जिले से मजदूर परिवार समेत कमाने आए थे। यहां इन्हें महज 350 रुपये प्रति दिन के हिसाब से दिहाड़ी मिलती थी। हां, भट्ठा मालिक ने भट्ठे के पास ही रहने का अस्थायी इंतजाम कर रखा था। आज इन्हीं आशियानों में मातम पसरा हुआ है। मौके पर मौजूद एक ने मजदूर ने कहा, “साहब, खाने के लिए दाल-चावल और आलू आदि दे देते हैं। दिहाड़ी की बचत होती है। “गजरौला के नौनेर में रजब अली का ईंट-भट्ठा है। भट्ठे में ज्यादातर बिहार के मजदूर काम करते हैं। भट्ठे के आसपास ही परिवार के साथ रह रहे चार मजदूरों राम का बेटा सौरभ (2), नारायण की बेटी सोनाली (3), अजय का बेटा अजीत (2), झगड़ू की बेटी नेहा (3) की ईंट भट्ठे के गड्ढों में भरे पानी में डूबने से मौत हो गई। हादसा तब हुआ, जब सभी बच्चे खेलते हुए इन गड्ढों के पास चले गए। एक-एक कर सभी दलदली मिट्टी में फिसलते गड्ढों में डूब गए।

जब बच्चे वापस नहीं लौटे, तब इनके परिजनों ने खोजबीन शुरू की। इसी दौरान नेहा के पिता झगड़ू को गड्ढे में एक बच्चे का पैर दिखाई दिया। उसने जब बच्चे को बाहर निकाला, तो हादसे का खुलासा हुआ। ईंट भट्ठे में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि अभी ईंट पाथने का काम जोर पकड़े हुए है। कुछ महीने ही काम जोरों पर होता है। फिर बरसात और ठंड आते-आते काम धीमा पड़ जाता है। बीते दिनों तेज बारिश के चलते ईंट भट्ठे में पानी भर गया था। ईंट पाथने का काम भी रुक गया था। भट्ठा स्वामी को ईंट पाथने का कार्य जल्दी ही शुरू करवाना था।

बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात | Amroha News

लिहाजा, नुकसान न हो इसलिए भट्ठा मालिक ने जेसीबी लगा सख्ते के लिए बड़े-बड़े गड्ढे खुदवा दिए, ताकि बारिश का पानी इसी गड्ढों में भर जाए और भट्ठा सूख जाए। मजदूरों ने बताया कि गड्ढों के आसपास कोई न जाए, इसका कोई इंतजाम नहीं कराया गया। इन गड्ढों की गहराई 5 से 7 फुट थी । इन्ही गड्ढों में भट्टे का जमा हुआ पानी जमा हो गया। आज ये गड्ढे मौत के गड्ढे बन गए।जिन बच्चों की मौत हुई, उनके परिजनों ने भट्ठा मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया। इस दौरान दुखी परिजन यह भी कहते सुनाई दिए कि इन गड्ढों में बच्चा क्या, बड़ा आदमी भी डूब सकता था। सिर्फ अपने फायदे के लिए भट्ठा मालिक ने मौत के गड्ढे खुदवा दिए। मौके पर मौजूद लोगों भी मजदूरों के दर्द को देख पसीज उठे। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात रहा। घटना की सूचना पर पहुंचे DM बालकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, भट्ठा संचालक के परिजनों ने बच्चों को प्राइवेट अस्पताल ले जाने की बात की। इसके बाद पास के ही दारानगर गांव में बच्चों केशव दफना दिए ।

SP आदित्य लांग्हे ने जांच पड़ताल की | Amroha News

शव दफनाने की सूचना जैसे ही पुलिस और ग्रामीणों को मिली, तो हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों बच्चों के शवों को कब्र से बाहर निकाला। बच्चों का शव लेते ही इनके परिजन दौड़ पड़े। वहीं बाद में पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। मौके पर पहुंचे DM बालकृष्ण त्रिपाठी और SP आदित्य लांग्हे ने जांच पड़ताल की। वहीं, पुलिस ने भट्ठा संचालक को हिरासत में ले लिया। देर शाम चारों मजदूरों की तहरीर पर मामले पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। धारा 302 और 201 के तहत 3 को नामजद किया गया है।FIR के मुताबिक परिजनों ने भट्ठा मालिक रजब अली, ठेकेदार रवि माझी और ट्रैक्टर चालक नैन पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

भट्ठा संचालक की लापरवाही

तहरीर में लिखा गया, “हमारे बच्चों की मौत भट्ठा संचालक की लापरवाही के चलते हुई। चारों बच्चों की मौत के बाद ठेकेदार रवि माझी, ट्रैक्टर चालक नैन पाल और भट्ठा मालिक इलाज कराने का बहाना बनाकर शवों को दफनाने चले गए।”जिन मजदूरों के बच्चों की मौत हुई है। वो 1100 किमी. दूर बिहार के जमुई जिले के रहने वाले हैं। जमुई का ही ठेकेदार रवि माझी इन्हें यहां लेकर आया था। मजदूरों का आरोप है कि रवि मामले को दबाने के लिए भट्ठा संचालक का पूरा साथ दे रहा था। एफआईआर में उसे भी नामजद किया गया है।