अमित की आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे।
जकार्ता (एजेंसी)। भारतीय मुक्केबाज़ 22 साल के अमित पंघल ने 18वें एशियाई खेलों में (Amit paused the golden punches) शनिवार को पुरुषों के 49 किग्रा लाइटफ्लाई भार वर्ग में ओलंपिक चैंपियन उज्बेकिस्तान के हसनब्वॉय दुस्मातोव को 3-2 से हराकर भारत को इन खेलों के मुक्केबाजी मुकाबलों में पहला स्वर्ण पदक दिला दिया। हरियाणा के युवा मुक्केबाज़ ने ओलंपिक चैंपियन को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी बाउट जीत ली। पांचों जजों ने हालांकि विभाजित फैसला सुनाया लेकिन अमित ने 28-29, 29-28, 29-28, 28-29, 30-27 से बाउट और स्वर्ण पदक जीत लिया। 18वें एशियाई खेलों में यह मुक्केबाजी में भारत का दूसरा पदक है।
इससे पहले विकास कृष्णन ने 75 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने सेना के मुक्केबाज़ अमित को जब स्वर्ण पदक पहनाकर गले लगाते हुए बधाई दी तो अमित की आंखों में आंसू आ गए। राष्ट्रगान बजने के समय भी अमित की आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे। स्वर्ण पदक जीतने के बाद अमित ने कहा कि यह अविश्वसनीय जीत है। ओलंपिक चैंपियन को एशियाई खेलों के फाइनल में हराना सपना पूरा होने जैसा है और यह जीत इसलिए भी बड़ी हो जाती है कि मैंने अपने पदार्पण एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता।
आखिरी दिन पुरुष पेयर ब्रिज में भारत को स्वर्ण पदक
जकार्ता (एजेंसी)। भारत के प्रणब बर्धन और शिबानाथ सरकार की जोड़ी ने 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को ब्रिज स्पर्धा के पुरुष युगल वर्ग में स्वर्ण पदक दिला दिया। ब्रिज के इस खेल में मिले स्वर्ण के साथ भारत ने एशियाई खेलों में सर्वाधिक 15 स्वर्ण जीतने के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली है। भारत ने आखिरी बार 1951 में एशियाई खेलों के पहले संस्करण में 15 स्वर्ण पदक जीते थे। 60 वर्षीय बर्धन और 56 साल के सरकार की शीर्ष रैंक टीम ने पुरुष युगल ब्रिज स्पर्धा के स्वर्ण पदक मुकाबले में सर्वाधिक 384 अंकों के साथ स्वर्ण अपने नाम किया जो शनिवार के दिन मुक्केबाजी में अमित पंघल के बाद भारत का दूसरा स्वर्ण पदक रहा। इन खेलों में ताश के खेल में यह भारत का कुल तीसरा पदक है।
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