नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इस दौरान विपक्षी दलों ने लगातार हंगामा किया और ‘मोदी- अडाणी भाई भाई के नारे लगाए’ मोदी ने कहा, ‘बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाला है।’
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60 साल कांग्रेस ने देश में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगास इसलिए कमल खिलाने में आपका प्रत्यक्ष या परोक्ष जो भी योगदान है, उसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कल विपक्ष के हमारे वरिष्ठ साथी खड़गे जी ने कहा कि हमने 60 साल में मजबूत बुनियाद बनाई है। उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है।’ लगातार विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘2014 में आकर जब मैंने चीजों को बारीकी से देखने का प्रयास किया तो पता चला कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने, हो सकता है उनका इरादा मजबूत नींव बनाने का हो, लेकिन मैंने देखा उन्होंने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे।
जब वे गड्ढे खोद रहे थे, छह-छह दशक बर्बाद कर दिए थे। उस समय दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे, आगे बढ़ रहे थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘पंचायत से लेकर संसद तक उन्हीं की दुनिया चलती थी। उन्होंने इस प्रकार की कार्यशैली और कल्चर विकसित किया कि देश ने एक भी चुनौती का स्थाई समाधान करने का न कभी सोचा कि न कभी प्रयास किया। देश की जनता समस्याओं से जूझ रही थी, देश की जनता देख रही थी कि समस्याओं का समाधान कितना बड़ा लाभ कर सकता है, लेकिन उनकी प्राथमिकताएं अलग थीं।’ प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर तंज कस्ते हुए कहा, ‘600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के परिवार पर हैं। अगर किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम नहीं प्रयोग हुआ तो कुछ लोगों का खून गर्म हो जाता था, लेकिन मुझे यह नहीं समझ आता कि उनके पीढ़ी के किसी व्यक्ति को नेहरू सरनेम रखने में क्या आपत्ति है और आप हमारा हिसाब मांगते हैं।’
शोर-शराबे के कारण राज्यसभा स्थगित
राज्यसभा में गुरुवार को सत्तापक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दूसरी बार लगभग 45 मिनट के लिए 5.15 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सभापति जगदीप धनखड़ ने पहले स्थगन के बाद 4.30 मिनट पर सदन की कार्यवााही शुरू करते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल का नाम केंद्रीय बजट 2023-24 पर चर्चा शुरू करने के लिए पुकारा तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ सदस्य आसन के समक्ष आने के लिए तैयार हो गये। धनखड़ ने सदस्यों ने शांत होने और सदन संचालन में सहयोग की अपील की। उधर विपक्ष के सदस्यों ने भी जोर-जोर से बोलना आरंभ कर दिया। इससे सदन में शोरगुल होने लगा और सभापति ने लगभग तीन मिनट के बाद सदन की कार्यवाही 5.15 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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