सच कहूँं ने सीएमआर का काम न शुरू होने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था
कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: लगातार हो रही देरी के बीच प्रदेश सरकार ने अब सीएमआर के काम को शुरू करवा दिया है। इस काम के शुरू होने के बाद प्रदेशभर के राइस मिलरों को राहत मिली है। बता दें कि सीएमआर का काम न होने से राइस मिलरों में रोष था। अब प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद गत शुक्रवार से सीएमआर का काम शुरू कर दिया है। इस काम के शुरू होने के बाद केंद्र सरकर की एजेंसी एफसीआई को चावल की डिलीवरी हो पाएगी। गौरतलब है कि सच कहूँ ने सीएमआर का काम न शुरू होने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। Kaithal News
एफसीआई को सीएमआर के माध्यम से प्रदेश में करीब 1300 और जिलेभर में 150 से अधिक राइस मिलर चावल की डिलीवरी करते हैं। इस वर्ष सीएमआर का काम एक नवंबर के बाद शुरू किया जाना था, लेकिन यह दिसंबर की शुरूआत तक भी शुरू नहीं हो पाया था। इस बार सरकार ने एक नवंबर से 15 मार्च तक मीलिंग का कार्य करने के लिए समय तय किया है। सीएमआर का काम न शुरू होने को लेकर कैथल के राइस मिलरों ने सांसद नवीन जिंदल को भी ज्ञापन सौंपा था। Kaithal News
कैथल राइस मिलर एसोसिएशन के प्रधान तरसेम गोयल ने बताया कि पिछले हफ्ते सीएमआर का कार्य शुरू हो गया है । जिससे कैथल के राइस मिलरों को भी राहत मिली है। काम शुरू होने के बाद अब चावल की डिलीवरी हो पाएगी।
सरकार ने बदला फैसला, फोर्टिफाइड चावल का डिलीवरी टैक्स 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत किया
सीएमआर के कार्य के तहत राइस मिलरों को एफसीआई को एक गाड़ी में लोड होने वाले चावल में एक प्रतिशत तक फोर्टिफाइड चावल देना पड़ता है। पिछले साल सरकार ने इस पर पांच प्रतिशत की जीएसटी लगाई थी। इस साल पहले तो इस पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने का निर्णय लिया, परंतु कल अपने फैसले को बदलते हुए पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का ही फैसला लिया। इस फैसले के बाद राइस मिलरों ने केंद्र सरकार का आभार जताया है। Kaithal News
बता दे कि शुरू में ये टैक्स 18 प्रतिशत था और एजेंसी राइस मिलर को 5 प्रतिशत देती थी जिस कारण 13 प्रतिशत का घाटा राइस मिलर को होता था। पिछले साल भी डीएफएससी ने जनवरी में पत्र जारी करके इसे 5 प्रतिशत किया था। इस समस्या के चलते एक एक राइस मील को 3 से 5 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ता था। Kaithal News
कैथल राइस मिलर एसोसिएशन के सचिव सागर शोरेवाला ने बताया कि सरकार के 18 प्रतिशत टैक्स लेने के फैसले से राइस मिलरों में काफी नाराजगी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में इसे पांच प्रतिशत तक ही लेने का निर्णय लिया है। इससे राइस मिलरों में खुशी की लहर है। सभी राइस मिलर इसके लिए सरकार का धन्यवाद करते है।
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