US Yemen Attack: वाशिंगटन। यमन के रास ईसा ईंधन बंदरगाह पर अमेरिका द्वारा किए गए सैन्य हमलों में भारी जनहानि हुई है। इन हमलों में अब तक 38 लोगों के मारे जाने और 102 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। अमेरिकी सेना का दावा है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य ईरान समर्थित हूती विद्रोही समूह की ईंधन आपूर्ति को रोकना था, ताकि उनकी आर्थिक शक्ति को कमजोर किया जा सके। Yemen News
यह हमला उन सबसे घातक सैन्य अभियानों में से एक माना जा रहा है, जो वाशिंगटन ने हूती समूह के खिलाफ हालिया वर्षों में अंजाम दिए हैं। यमन के हूती समूह के नियंत्रण वाले मीडिया चैनल ‘अल मसीरा टीवी’ के मुताबिक, यह हमला गुरुवार को पश्चिमी यमन के रास ईसा बंदरगाह पर हुआ।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई हूती विद्रोहियों की आर्थिक रीढ़ तोड़ने के उद्देश्य से की गई थी। अमेरिकी सेना के अनुसार, हूती समूह लगातार यमन के नागरिकों का शोषण कर रहा है और अपने ही देशवासियों को संकट में डाल रहा है। Yemen News
हूती विद्रोहियों ने वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे
यह सैन्य अभियान तब से और तेज़ हुआ है जब से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू किए थे। विद्रोही गुट का कहना है कि वे गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध के विरोध में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं। हालांकि, दो महीने तक गाजा में युद्धविराम के दौरान हूती गुट ने अपने हमले अस्थायी रूप से रोक दिए थे, लेकिन इजरायल के गाजा पर हमले फिर से शुरू करने के बाद उन्होंने भी अपनी कार्रवाई दोबारा छेड़ने की चेतावनी दी थी।
हूती समूह ने वर्ष 2014 में यमन के उत्तरी हिस्से पर नियंत्रण कर लिया था और तब से वह देश में सक्रिय गृहयुद्ध का प्रमुख पक्ष बना हुआ है। समूह ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी हमलों का जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। यह हमला यह भी दर्शाता है कि यमन की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है और क्षेत्रीय अस्थिरता की आग अब वैश्विक राजनीति तक पहुँचने लगी है। Yemen News