वाशिंगटन (एजेंसी)। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला अली खमैनी ने कहा था कि अगर अंतराष्ट्रीय जगत ईरान से परमाणु प्रतिबद्धताओं का पालन कराना चाहता है तो अमेरिका को उसके खिलाफ लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटाना होगा। हम इस बात की पुष्टि करेंगे और अगर सभी मानकों का पालन किया जाता है तो हम अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए इसमें शामिल हो जाएंगे। उधर अमेरिका ने कहा है कि ईरान परमाणु समझौते को फिर से लागू करने के लिए ईरान पर वार्ता का दबाव बनाए रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
सीबीएस न्यूज को दिए इंटरव्यू में जो बाइडेन से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान को वार्ता के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबंध हटा देगा जवाब में बाइडेन ने कहा ‘नहीं’। उसके बाद जब उनके पूछा गया कि क्या ईरान यूरेनियम संवर्धन रोकना होगा तो इसके जवाब में उन्होंने गर्दन हिलाई। हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो सका कि वो क्या कहना चाह रहे थे।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने छह महाशक्तियों वाले अंतराष्ट्रीय परमाणु समझौते से वर्षों पहले हटने की घोषणा की थी और इसके बाद इन देशों के साथ 2015 के समझौते की शर्तों को ईरान ने मानने से इनकार कर दिया था। खमैनी ने कहा, ‘इस समझौते की स्थितियों को तय करने का अधिकार ईरान को है क्योंकि वह शुरू से ही इसकी प्रतिबद्धताओं का पालन करता रहा है और अमेरिका तथा तीन यूरोपीय देशों को इसके बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है। इसका कारण यह है कि इन्हीं देशों ने समझौतें की अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन किया था।
ईरान ने शर्तों को मानने से किया इनकार
गौरतलब है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि अगर ईरान समझौते को लेकर अपनी तरफ से शर्तों का पालन करता है तो अमेरिका इसमें वापस लौट सकता है मगर ईरान पर इसकी अधिक जिम्मेदारी होगी। ईरान ने हालांकि इन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया है।
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