वाशिंगटन (एजेंसी)। अमेरिका शुक्रवार को आधिकारिक रूप से पेरिस समझौते में फिर शामिल हो गया। भारत में अमेरिकी दूतावास ने इसकी पुष्टि की है। पेरिस समझौता जलवायु परिवर्तन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसे पेरिस में सीओपी 21 पर 12 दिसंबर, 2015 को 196 पक्षों की ओर से अपनाया गया था और चार नवंबर, 2016 को इसे लागू किया गया। इसका लक्ष्य पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग को दो से नीचे, अधिमानत: 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही अपने ओवल कार्यालय में पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने के लिए कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे। इससे पहले, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका वर्ष 2020 में पेरिस समझौते से अलग हो गया था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘अब, जैसा कि 2016 में हमारे समझौते में शामिल होना महत्वपूर्ण था-और आज फिर से शामिल होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हम आने वाले हफ्तों, महीनों, और वर्षों में क्या करते हैं यह और भी अधिक महत्वपूर्ण है।
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