नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। लोकसभा में गुरुवार को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए अंबाला से संपर्क मार्ग बनाने की मांग की गई ताकि अंबाला तथा पंचकूला जैसे शहरों से कम समय पर इस हवाई अड्डे तक पहुंचा जा सके। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के रतन लाल कटारिया ने नियम 377 में मामला उठाते हुए कहा कि चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट मोहाली पंजाब क्षेत्र में स्थित है जबकि हरियाणा राज्य भी इसमें बराबर का हिस्सेदार है। चंडीगढ़ पंचकूला और मोहाली प्राइस सिटी के लिए यह अत्यंत आवश्यक एयरपोर्ट है जहां से घरेलू उड़ानों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का भी संचालन किया जाता है।
कटारिया ने कहा कि लोगों को एयरपोर्ट जाने के लिए मोहाली की तरफ से 25 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ता है जबकि पंचकूला से मात्र पांच किलोमीटर लंबा है। एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण यात्रियों को ज्यादा समय और ईंधन खर्च कर जाना पड़ता है जिससे लोगों पर ईंधन का अतिरिक्त बोझ पड़ता है। उन्होंने इसे सरकार की स्वच्छ पर्यावरण नीति तथा उसकी प्रतिबद्धताओं के विपरीत बताया और कहा कि इस पर सरकार ततकाल ध्यान दे। कटारिया ने सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से अनुरोध किया कि वह पंचकूला एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए सड़क का निर्माण करे।
ईस्टर्न कैनाल योजना का मामला लोक सभा में उठा
लोकसभा में गुरुवार को राजस्थान के ईस्टर्न कैनाल योजना का मामला उठा और इस योजना की डीपीआर में दौसा जिले को कमांड एरिया से शामिल करने की मांग की गई। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की जसकौर मीणा ने लोकसभा में नियम 377 के तहत आज यह मामला उठाया और कहा कि कैनाल की जो डीपीआर बनाई गयी है उसमें दौसा जिले को कमांड एरिया से बाहर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्र डार्क जोन में है और वहां वर्षा दर की बहुत ही निम्न स्थिति है। राज्य सरकार ने ईस्टर्न कैनाल योजना की डीपीआर बनाई है लेकिन उसमें दौसा जिले को कमांड एरिया से बाहर कर दिया है। श्रीमती मीणा ने राज्य सरकार पर किसान के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा,‘ दौसा में 90 प्रतिशत जनता खेती पर निर्भर है। उन सभी कृषकों की पीड़ा को ध्यान में रखकर इस योजना का प्रोजेक्ट मंजूर किया जाए ताकि हमें राहत मिल सके।
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