सराहनीय। सर्दी के साथ ही कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अद्भूत पहल (Initiative to fight with Corona)
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दिल्ली एनसीआर में चर्चा में रही परंपरा
सच कहूँ/संजय मेहरा
गुरुग्राम। देश में पहली बार अनोखा भात भरा गया, जिसमें कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए मास्क और सेनिटाइजर भात में भरे गए। इस तरह के भात को देखकर क्षेत्र में खूब चर्चा हुई। लोगों ने इसे पुरानी परम्परा के साथ नई शुरूआत कहते हुए भविष्य में औरों को भी ऐसा करने की सलाह दी है। हमारी संस्कृति में भात भरना एक पुरानी परंपरा और संस्कृति है। जिसको आज भी हिंदू धर्म में बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया जाता है। लेकिन देश में पहली बार अनोखा भात देखने को मिला।
कोरोना बीमारी से लड़ना है तो मास्क जरूरी है
यह भात गुरुग्राम के उल्लवास गांव के निवासी प्रीतम चेयरमैन सहित उनके 5 भाईयों ने जुमरदपुर निवासी अपनी बहन बीरबती की बेटी की शादी में कोरोना की बीमारी को देखते हुए 5100 मास्क और बड़ी मात्रा सेनिटाइजर भात के शगुन के रूप में दिए। सेनिटाइजर और मास्क शादी में आने वाले लोगों को भी बांटे गए। इस बात के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि कोरोना बीमारी से लड़ना है तो मास्क जरूरी है।
इस अनोखे भात में पहुंचे सभी सामाजिक लोगों ने इस अनोखे भात की जमकर सराहना की। शादी समारोह में सुंदर सिंह, लेखराज भड़ाना ने कहा कि इस तरह के भात भरने की जरूरत आज के समय बहुत ज्यादा है, ताकि लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ सेनिटाइजर और मास्क के इस्तेमाल पर ज्यादा जोर दिया जा सके। इन दोनों चीजों को हमें अपने हर फेस्टिवल और घरेलू कार्यक्रम में शामिल करना चाहिए।
बहन को भात में 51 लाख रुपए भी दिए
दूसरी तरफ दावा है कि दिल्ली एनसीआर में अब तक का यह सबसे बड़ा भात है। इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि इसमें पांच भाइयों ने मिलकर अपनी बहन के यहां 51 लाख रुपए कैश भी भात में दिए। जिसकी हर जगह जमकर चर्चा और सराहना हो रही है। प्रीतमपाल चेयरमैन ने कहा कि अपनी पौराणिक परम्पराओं के साथ अब हमें मास्क व सेनिटाइजर के रूप में नई परम्परा को भी शामिल करना होगा।
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