
Dog And Cat Clearly See At Night: दुनिया में बिल्लियों और कुत्तों के बारे में कई रहस्यमयी मान्यताएँ प्रचलित हैं। खासकर हिंदू धर्म में बिल्लियों को लेकर कुछ खास बातें कही जाती हैं, जैसे कि इनको पालना नहीं चाहिए या रात में इनका रोना या रास्ता काटना किसी अच्छे काम के लिए शुभ नहीं माना जाता। यह सब मान्यताएँ शायद उनके रहस्यमय स्वभाव और उनकी आंखों की खासियत के कारण हैं। बिल्लियाँ और कुत्ते न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी अत्यंत स्पष्टता से देख सकते हैं, और इसका कारण उनकी शारीरिक संरचना है। अब सवाल यह है कि ऐसा क्यों होता है? क्यों इन जानवरों की आंखें इंसानों से अलग हैं और रात के अंधेरे में भी ये चीजों को साफ-साफ देख पाते हैं?
बिल्लियों और कुत्तों की आंखों का संरचनात्मक अंतर | Dog And Cat Clearly See At Night
बिल्लियों और कुत्तों की आंखों में इंसानों से कुछ खास अंतर होते हैं, जो उन्हें रात में अच्छे से देखने की क्षमता प्रदान करते हैं। इंसान की आंखों में लाइट सेंसिटिव कोशिकाएँ होती हैं, लेकिन बिल्लियों और कुत्तों की आंखों में यह कोशिकाएँ कहीं ज्यादा और अलग प्रकार की होती हैं। बिल्लियों और कुत्तों की आंखों में जो विशेष संरचना होती है, वह उन्हें रात में भी स्पष्टता से देखने में मदद करती है। इसका मुख्य कारण उनकी आंखों में मौजूद “टेपेटम ल्यूसिडम” नामक संरचना है। यह संरचना रेटिना के माध्यम से आने वाली रोशनी को पुनः परावर्तित कर देती है, जिससे इन जानवरों को रात में अंधेरे में भी चीजें साफ दिखाई देती हैं।
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टेपेटम ल्यूसिडम का महत्व
टेपेटम ल्यूसिडम एक प्राकृतिक रचना होती है, जो जानवरों की आंखों में पाई जाती है और इसका मुख्य कार्य यह है कि यह रेटिना से प्राप्त रोशनी को वापस परावर्तित कर देती है। इस कारण से बिल्लियाँ और कुत्ते रात के समय भी अपनी आंखों से अधिक प्रकाश अवशोषित कर पाते हैं, जिससे उनके लिए रात के समय भी वस्तुओं को देखना आसान हो जाता है। यह रचना इंसान की आंखों में नहीं पाई जाती, इसलिए हम अंधेरे में ठीक से नहीं देख पाते, जबकि इन जानवरों के लिए यह कोई समस्या नहीं होती।
बिल्लियों और कुत्तों की पुतलियाँ
इसके अलावा, बिल्लियों और कुत्तों की पुतलियाँ इंसानों के मुकाबले काफी बड़ी होती हैं। बिल्लियों की पुतलियाँ इंसानों से लगभग 50% बड़ी होती हैं, और यह उन्हें ज्यादा रोशनी को अवशोषित करने में मदद करती हैं। पुतली जितनी बड़ी होती है, उतना ही ज्यादा प्रकाश उस में समाहित होता है, जिससे अंधेरे में देखने की क्षमता बढ़ जाती है। यही कारण है कि बिल्लियाँ और कुत्ते रात में भी इतनी स्पष्टता से देख पाते हैं।
लाइट सेंसिटिव रॉड्स सेल्स
बिल्लियों और कुत्तों की आंखों में लाइट सेंसिटिव कोशिकाओं की अधिक मात्रा होती है, जिनको रॉड्स कहते हैं। रॉड्स कोशिकाएँ रात में कमजोर रोशनी को अधिक प्रभावी ढंग से ग्रहण करती हैं और इसे दृश्य रूप में बदल देती हैं। इंसानों की आंखों में इन रॉड्स की संख्या बहुत कम होती है, जो हमें अंधेरे में सही से देखने में मुश्किल उत्पन्न करती है। बिल्लियाँ और कुत्ते, इन कोशिकाओं के माध्यम से अंधेरे में भी दूर-दूर तक देख सकते हैं और यह उनकी शिकार करने की क्षमता या शिकारी से बचने की प्रवृत्ति से जुड़ा हुआ है।
रात में देखने की क्षमता का कारण
जानवरों के लिए रात में देखने की आवश्यकता इसलिए भी होती है, क्योंकि वे शिकार करने या खुद को शिकारी से बचाने के लिए अंधेरे में भी सटीक रूप से देख पाते हैं। बिल्लियाँ और कुत्ते, दोनों ही जानवर प्राचीन काल से शिकार करने की प्रवृत्ति रखते हैं और इस कारण उनकी आंखें रात में सटीक दृष्टि प्रदान करने के लिए विकसित हुई हैं। बिल्लियों को शिकार करने के लिए अधिक सतर्क और तेज़ दृष्टि की आवश्यकता होती है, ताकि वे अपने शिकार को अंधेरे में भी आसानी से देख सकें। इसी प्रकार, कुत्ते भी अपनी रक्षा के लिए अंधेरे में भी अपनी ज़रूरत के अनुसार पूरी तरह से देख सकते हैं।
समाप्ति में, बिल्लियों और कुत्तों की आंखों में मौजूद विशेष संरचनाएँ और कोशिकाएँ उन्हें रात के समय स्पष्टता से देखने की क्षमता प्रदान करती हैं। इन जानवरों की आंखों में टेपेटम ल्यूसिडम और रॉड्स कोशिकाएँ पाई जाती हैं, जो अंधेरे में उन्हें पूरी तरह से देखने की ताकत देती हैं। इनकी आंखों का आकार और संरचना उन्हें अपने जीवित रहने और शिकार करने में मदद करती है। यही कारण है कि बिल्लियाँ और कुत्ते न सिर्फ दिन में बल्कि रात में भी अंधेरे में पूरी तरह से देख पाते हैं, जबकि इंसान को इसके लिए अधिक रोशनी की आवश्यकता होती है।