पंजाब और राजस्थान नहरों में प्रदूषित पानी के खिलाफ साझा रणनीति

Common strategies against polluted water in Punjab and Rajasthan canals

चिंताजनक: पंजाब में हरिके बैराज (फिरोजपुर हेड) पर आकर यह गंदा पानी मिलता है

श्रीगंगानगर (सच कहूँ न्यूज)। पंजाब में नहरों से पश्चिमी राजस्थान में आ रहे रसायनयुक्त दूषित और विषैले पानी की समस्या से निपटने के लिए पंजाब और राजस्थान के जागरूक राजनीतिक और सामाजिक संगठन से जुड़े लोग रविवार को पंजाब के जलन्धर में प्रेस क्लब में एकत्रित होकर रणनीति तैयार करेंगे। श्रीगंगानगर में ‘दूषित जल असुरक्षित कल जन जागरण समिति’ के सेवादार रमजान अली चोपदार ने शनिवार को बताया कि पंजाब के कारखानों से निकलने वाले जानलेवा जहरीले रसायन और शहर के सीवरेज का पानी बुड्ढा नाला में गिरता है। जहाँ से यह पानी वलीपुर गांव के पास से सतलुज नदी में पहुंचता है। पंजाब में हरिके झील पर व्यास एवं सतलुज नदियों के संगम स्थल हरिके बैराज (फिरोजपुर हेड) पर आकर यह गंदा पानी मिल जाता है।

  • राजस्थान के 8 जिलों में पहुंचता है पानी

इसी संगम का पानी राजस्थान नहर, सरहिन्द फीडर और फिरोजपुर फीडर नहर के माध्यम से पंजाब के मालवा क्षेत्र के साथ-साथ राजस्थान के आठ जिलों मैं पहुंचता है जो अब बीमारियों का एक बड़ा कारण बन गया है। उन्होंने बताया कि यही पानी सिंचाई के काम आता है। जहरीला और रसायनयुक्त पानी से कई प्रकार की जानलेवा बीमारियां हो रही हैं। इससे निपटने के लिए फरीदकोट में कैंसर रोको एवं निरोगी पंजाब मंच के साथ श्रीगंगानगर के जन जागरण अभियान के सदस्य रणनीति बनाएंगे। इसके बाद सभी प्रतिनिधि बुढ़ा नाला का अवलोकन करेंगे। निजी वाहनों से रवाना होंगे।

 

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