भादसों। (सच कहूँ/सुशील कुमार) जब इरादे दृढ़ और मजबूत हों तो घरों की परेशानियां भी सफलता का रास्ता नहीं रोक सकतीं। ऐसी ही एक मिसाल पैदा कर दिखाई है सरकारी सीनियर सैकेंडरी सकूल भादसों की 12वीं कक्षा की छात्रा अमनप्रीत कौर ने। घर में एक समय की रोटी की अभिभावकों को चिंता सता रही है क्योंकि अमनप्रीत कौर के पिता गुरप्रीत सिंह मानसिक तौर पर परेशान होने के कारण कोई काम नहीं कर सकते, वहीं मां खेतों में कड़ी मेहनत कर अपने तीन बच्चों के लिए रोटी का जुगाड़ कर रही है, लेकिन बहुत ही मेहनती और हौसले वाली अमनप्रीत कौर ने बिना किसी ट्यूशन से और स्कूल में पूरे अध्यापक न होने के बावजूद सांईस ग्रुप में 96 फीसदी अंक प्राप्त कर अपनी योग्यता को साबित कर दिखा दिया है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं।
अमनप्रीत ने बताया कि वह घर में अपनी मां के साथ काम करवाने के लिए भी समय निकालती है और रात को दो-दो बजे तक पढ़ाई करती रही है। उसने यह भी बताया कि सांईस ग्रुप में भले ही उसके स्कूल में पूरे अध्यापक नहीं लेकिन वह कभी भी निराश नहीं हुई। वह मेहनत करने में विश्वास रखती है। अमनप्रीत जिन्दगी में बड़ी उपलब्धियां हासिल करने के सपने अपने दिल में संजोए बैठी है। उसने बताया कि घर में भले ही पैसों की कमी है, आर्थिक तंगी से परिवार जूझ रहा है लेकिन फिर भी वह आगे बढ़ना चाहती है।
उसे पूरी उम्मीद है कि कोई ने कोई उसका साथ जरूर देगा। वह सरकारी महेन्द्रा कॉलेज पटियाला से बीएससी की पढ़ाई के लिए दाखिला लेना चाहती है। अमनप्रीत की माता बलजीत कौर ने बताया कि उसने कुछ पैसे सख्त गर्म में खेतों में धान की फसल की रोपाई कर इकट्ठे किए हैं और कुछ उधार पकड़कर अपनी बेटी की कॉलेज की फीस भरने की कोशिश कर रही है। स्कूल प्रिंसीपल बन्दना ने इस छत्रा की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए भरपूर प्रशंसा की। इस बेटी ने घर में आर्थिक तंगी के माहौल में भी सांईस ग्रुप में अच्छे अंक हासिल किए हैं।
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