सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में प्रभु का नाम सुखों की खान है। परमपिता परमात्मा के नाम के बिना दुनिया में परेशानियां हैं, दु:ख, तकलीफें, मुश्किलें हैं। केवल प्रभु, ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु, परमपिता परमात्मा का नाम परमानंद देने वाला है। इसलिए हमेशा प्रभु के नाम का सुमिरन करो। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि चलते, बैठे, कामधंधा करते जितना भी समय आप सुमिरन कर सकें करते रहना चाहिए। क्योंकि वो किया गया सुमिरन कभी बेकार नहीं जाता, उसका फल लाजमी मिलता ही मिलता है।
जब भी आप सुमिरन करेंगे मालिक मंजूर (कबूल) जरूर करेंगे। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि अगर सुन्न समाधी में जाना हो, मालिक के नूरी स्वरूप के दर्शन करने हों, तो उसके लिए जरूरी है आप बैठकर सुमिरन करें। सुबह 2 से 5 के बीच में अगर आप सुमिरन करें तो आपके गम, चिंता, परेशानियां दूर होंगी व मालिक के नजारे आने शुरू हो जाएंगे। इसलिए सुमिरन करो, चाहे शारीरिक व्यवस्था कैसी भी क्यों न हो। किया गया सुमिरन मालिक की दरगाह में मंजूर (कबूल) जरूर होता है। इसलिए मालिक को पाने के लिए सुमिरन जरूर करें, जिससे आपकी कमियां दूर होंगी आप मालिक की दया, मेहर रहमत के काबिल बन जाएंगे।
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