रक्तदान के साथ-साथ जरूरतमन्दों की मदद भी कर रहे डेरा श्रद्धालु

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(Dera Sacha Sauda Humanity)

 रक्तदानी अपने आप पर गर्व पर महसूसर कर रहे हैं क्योंकि उनको पूज्य गुरू जी ने मानवता का पाठ पढ़ाया और आज वह मानवता भलाई में आगे आ रहे हैं

सच कहूँ/मनोज मलोट। आज आपको डेरा सच्चा सौदा ब्लाक मलोट के उन सेवादारों के साथ रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिन्होंने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की पवित्र प्रेरणाओं पर अमल करते हुए छोटी उम्र से ही मानवता भलाई को अपना असली फर्ज समझा और रक्तदान के क्षेत्र में भी प्रशंसनीय सेवाएं देने के साथ-साथ जरूरतमन्दों की भी मदद कर रहे हैं। ब्लॉक मलोट की रक्तदान समिति के जिम्मेदार टिंकू इन्सां पुत्र लछमण दास ने बताया कि उनकी उम्र अब 30 साल है और उसने अब तक अलग -अलग रक्तदान कैंपों और एमरजैंसी दौरान 45 बार रक्तदान किया है। उसने बताया कि यह प्रेरणा उनको पूज्य गुरू जी से मिली है और वह आगे से भी इस तरह के मानवता की सेवा करता रहेगा।

दीप मोंगा इन्सां पुत्र सुभाष चंद्र ने बताया कि उसकी उम्र 26 साल है और उसने अब तक 30 बार रक्तदान किया और उसने पूज्य गुरू जी द्वारा दी शिक्षा से प्रभावित होकर नियमित रक्तदान करने का प्रण लिया और तीन महीनों बाद वह लगातार रक्तदान कर रहा है। दीपक इन्सां पुत्र परमजीत सिंह निवासी बुर्जों, उम्र 35 साल ने 33 बार रक्तदान और गोरा इन्सां ने बताया कि वह 24 सालों का है और 17 बार रक्तदान कर चुका है। उन्होंने बताया कि वह भी पूज्य गुरू जी पवित्र शिक्षा अनुसार नियमित रक्तदान करते रहेंगे।

नि:स्वार्थ भावना से मानवता भलाई के कार्य करने वाले परमेश्वर का दूत होते हैं: जिला होम्योपैथिक मैडीकल अधिकारी

डॉ. हरिन्दर सिंह जिला होम्योपैथिक मैडीकल अधिकारी श्री मुक्तसर साहब ने कहा कि रक्तदान ही जीवनदान है, रक्तदान कर मनुष्यवादी सिद्धांत का निर्माण करने वाले, राष्टÑ, समाज और देश के लिए प्रेरणास्रोत होते हैं और वह मनुष्य परमेश्वर का दूत होते हैं जो पदार्थवादी युग में बिना किसी स्वार्थ से किसी दूसरे प्रति रक्तदान की सोच रखते हैं।

समूह रक्तदानियों ने कहा कि वह अपने आप पर गर्व महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनको पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां जी ने मानवता का पाठ पढ़ाया और आज वह मानवता भलाई में आगे आ रहे हैं। इसी तरह ओर भी युवा रक्तदान के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं।राधे कृष्ण पुत्र मदन लाल ने बताया कि वह 35 वर्ष का है और 5 बार रक्तदान कर चुका है। राजन सोनी पुत्र रमेश कुमार सोनी ने बताया कि उसकी उम्र 25 साल और अब दूसरी बार खूनदान करते बहुत ही अधिक खुशी हुई। वरिन्द्र सिंह बजाज पुत्र ओम प्रकाश बजाज उम्र 54 साल ने भी सरकारी अस्पताल मलोट के ब्लड बैंक में वीं बार रक्तदान कर इंसानियत का फर्ज निभाया

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