तत्कालीन बीडीपीओ व ग्राम सचिव सहित 5 लोगों पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज
- रामभगत की शिकायत पर चोपटा पुलिस ने दर्ज किया था केस
सिरसा/चोपटा (सच कहूँ/भगत सिंह)। पंचायतों के भंग होने के बाद कुछ पंचायती अफसरों ने भ्रष्टाचार का खूब खेल चलाया। चोपटा खंड में सामने आए ताजा भ्रष्टाचार के मामले से इसका खुलासा हुआ। गाँव हंजीरा व जोड़कियां के ग्राम पंचायत फंड का दुरुपयोग करने को लेकर तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, ग्राम सचिव, लेखा लिपिक सहित 5 लोगों के खिलाफ थाना नाथूसरी चोपटा पुलिस थाना में मामला दर्ज हुआ है। यह कार्रवाई जिला उपायुक्त के निर्देश पर हुई। बड़ी बात यह भी है कि इस मामले में आरोपी बीडीपीओ अधिकारी भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में पहले से ही निलंबित चल रहा है। शिकायतकर्ता राम भगत का आरोप है कि उक्त अधिकारी ने सरपंच प्रतिनिधि व अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गाँव हंजीरा व जोड़कियां में पंचायत के लाखों रुपए के फंड का दुरुपयोग करते हुए बड़ा घोटाला किया है।
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शिकायतकर्ता राजपुरा साहनी निवासी राम भगत ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विवेक कुमार द्वारा ग्राम पंचायत हंजीरा व जोड़कियां में विकास कार्य के नाम पर सरपंच व अन्य कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर सरकारी फंड का दुरुपयोग किया है, जिसमें चैकों पर फर्जी हस्ताक्षर करके राशि निकली गई है। आरोप है कि उक्त अधिकारी ने 23 फरवरी 2021 के बाद भी पंचायत समिति, नाथूसरी चौपटा के खाते से लगभग 31 लाख रुपए का भुगतान कर दिया, जिसके लिए वे अधिकृत नहीं थे। उन्होंने ऐसा करके अपने पद का दुरुपयोग किया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ग्राम पंचायत हंजीरा व ग्राम पंचायत जोड़किया के खाते से फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला उक्त अधिकारी ने पहले अपने स्तर पर ही दबा दिया। बाद में यह मामला जिला उपायुक्त के संदर्भ में लाकर इसकी जांच विजिलेंस विभाग से करवानी की गुहार लगाई गई।
जांच में खुली भ्रष्टाचार की परतें
जाँच के दौरान तत्कालीन खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी विवेक कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि 22 फरवरी 2021 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के उपरान्त बतौर प्रशासक उन्होंने अगले दिन खण्ड से सम्बन्धित पंचायतों का चार्ज ले लिया था। गाँव जोड़किया व हजीरा की पंचायतों से जिस राशि का भुगतान हुआ है, उसमें ग्राम सचिव सुभाष फौजी द्वारा उसे बताया गया कि इन दो पंचायतों से दस लाख के लगभग की अदायगी की गई है। लेकिन उक्त अधिकारी ने ऐसी कोई अदायगी उसके संज्ञान में नहीं होने की बात कही। जिसके उपरांत बैंक में उस चैक का निरीक्षण किया गया, जिसमें फर्जी हस्ताक्षर द्वारा अदायगी की बात कही गई थी, लेकिन मामला इसके उलट निकला। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पंचायतों के सभी कार्य खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी के विचार-विमर्श उपरान्त ही कार्यवाही रजिस्टर में डाले जाते हैं तथा सभी प्रकार की वित्तिय जिम्मेवारियां प्रशासक की होती है। इन मामलों में खण्ड पंचायत अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से बाहर नहीं जा सकता है और वित्तीय कार्यों में हुई सभी गड़बड़ियों की जिम्मेवारी बतौर प्रशासक खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी की है।
वर्जन
इस मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। भ्रष्टाचार का मामला होने के कारण इस संबंध में टीम गठित होगी, जो आगे की कार्रवाई बनेगी वो की जाएगी।
– एएसआई सत्यनारायण, चोपटा थाना।
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