राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ ने की निलम्बन आदेश वापस लेने की मांग
हनुमानगढ़। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ से सम्बद्ध राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ जिला शाखा ने पशुपालन विभाग की ओर से दुर्भावनावश पशुधन निरीक्षकों के किए गए निलम्बन आदेश प्रत्याहारित करने की मांग की है। इस संबंध में संघ सदस्यों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री, पशुपालन विभाग मंत्री, मुख्य सचिव व पशुपालन विभाग के निदेशक के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। Hanumangarh News
संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवेश शर्मा ने आरोप लगाया कि पशुपालन विभाग निदेशालय की ओर से दुर्भावनावश पशुधन निरीक्षक संवर्ग को लक्षित कर निलम्बित किया जा रहा है। कार्यस्थल पर मौजूद अथवा पांच-दस मिनट विलम्ब होने पर बगैर सुनवाई के पशुधन निरीक्षकों को निलम्बित किया जा रहा है जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के विपरीत है। निलम्बन से कार्मिकों को मानसिक प्रताडऩा झेलनी पड़ रही है एवं सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से एएमएस मोबाईल एप के माध्यम से दैनिक उपस्थिति दर्ज करने की योजना लागू की गई थी जो अनुचित व अव्यवहारिक थी।
वर्तमान में यह प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कार्मिकों के न्यायालय की शरण में जाने की वजह से बदले की भावना से पशुधन निरीक्षकों के निलम्बन की कार्रवाई पशुपालन विभाग की ओर से की जा रही है। विभाग की दमनात्मक कार्रवाई से प्रदेश के सभी कार्मिकों में आक्रोश व्याप्त है। विभाग में भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है। संघ सदस्यों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि विगत दिवसों में दुर्भावनावश किए गए सभी पशुधन निरीक्षकों के निलम्बन आदेश निरस्त किए जाएं। अन्यथा संघ को राज्यव्यापी आंदोलन का निर्णय लेना पड़ेगा। इससे विभाग की ओर से संचालित सभी जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी। पशुधन व पशुपालकों को होने वाली असुविधा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी पशुपालन विभाग की होगी। Hanumangarh News
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