इलाहाबाद (एजेंसी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई ग्रामीणों के धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) कराने के आरोपी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत में धर्म परिवर्तन की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है, यदि इसे नहीं रोका गया तो ‘बहुसंख्यक आबादी खुद को अल्पसंख्यक पाएगी’। 2011 में की गई पिछली जनगणना के अनुसार, हिंदू आबादी का 79.8 प्रतिशत हिस्सा हैं। Allahabad High Court
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने यह भी कहा कि जिन सभाओं में धर्म परिवर्तन होता है, उन्हें ‘तुरंत’ रोका जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने कई ग्रामीणों के धर्म परिवर्तन में भाग लेने के आरोपी कैलाश को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा, ‘‘प्रचार’ शब्द का अर्थ है प्रचार करना, लेकिन इसका मतलब किसी व्यक्ति को उसके धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करना नहीं है। इस मामले में, आवेदक के खिलाफ सूचनाकर्ता द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उसके भाई को कई अन्य लोगों के साथ नई दिल्ली में एक सभा में भाग लेने के लिए उनके गांव से ले जाया गया और ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। सूचनाकर्ता का भाई कभी वापस नहीं लौटा।’’
कैलाश कल्याण की आड़ में धर्म परिवर्तित करता था | Allahabad High Court
कैलाश पर आरोप है कि वह कल्याण की आड़ में ग्रामीणों को समारोहों में ले जाता था और उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करता था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने चेतावनी दी, ‘‘यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की वर्तमान प्रवृत्ति को नहीं रोका गया तो बहुसंख्यक आबादी खुद को अल्पसंख्यक पाएगी।’’
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए बयानों से पता चला है कि कैलाश लोगों को नई दिल्ली में धार्मिक सभाओं में शामिल होने के लिए ले जा रहा था, जहाँ उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित किया जा रहा था। न्यायालय ने कहा, ‘‘यह कई मामलों में इस न्यायालय के संज्ञान में आया है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति जातियों और आर्थिक रूप से गरीब व्यक्तियों सहित अन्य जातियों के लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने की गैरकानूनी गतिविधि पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही है।
‘‘2011 की जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि हिंदू आबादी का 79.8 प्रतिशत, मुस्लिम 14.2 प्रतिशत, ईसाई 2.3 प्रतिशत और सिख 1.7 प्रतिशत हैं। प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार, कैलाश कथित तौर पर मुखबिर रामकली प्रजापति के भाई रामफल को एक सामाजिक समारोह में भाग लेने के बहाने दिल्ली ले गया। उनके गांव के कई अन्य लोगों को भी ऐसे आयोजनों में लाया गया, जहाँ उन्हें कथित तौर पर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया।
कैलाश ने रामकली को आश्वासन दिया था कि उसके मानसिक रूप से बीमार भाई का इलाज किया जाएगा और एक सप्ताह के भीतर वह वापस आ जाएगा। जब ऐसा नहीं हुआ, तो रामकली ने कैलाश से पूछताछ की, लेकिन उसे असंतोषजनक जवाब मिला। नतीजतन, उसने सहायता के लिए पुलिस से संपर्क किया। Allahabad High Court
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