नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने मंगलवार को सभी राजनीतिक दलों से चुनाव घोषणा पत्र को लेकर देशी व्यापी चर्चा कराने और उससे निष्कर्ष निकाले जाने पर जोर दिया। नायडू ने शून्यकाल के दौरान कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और पार्टिर्यों को इस पर चर्चा करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई पार्टी सत्ता में होती है तो इस मुद्दे पर उसकी अलग राय होती है और जब वही पार्टी विपक्ष में आती है तो उसकी अलग सोच होती है। जनता दल (एस) के एच डी देवगौड़ा ने भी चुनाव घोषाणा पत्र को लेकर राजनीतिक दलों के स्तर पर चर्चा कराने पर सहमति व्यक्त की।
अब राजनीतिक दलों में गंभीरता नहीं रही
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि चुनाव घोषणा पत्र की प्रासंगिकता समाप्त हो गयी है। पहले इसकी गरिमा थी और उच्च शिक्षा में इसकी पढ़ाई होती थी लेकिन अब बंद हो गयी है।उन्होंने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र को लेकर अब राजनीतिक दलों में गंभीरता नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि 1952, 1957 और 1962 तक सभी पार्टी चुनाव घोषणा पत्र को लेकर केन्द्रीय स्तर पर विचार विमर्श करते थे। झा ने चुनाव घोषणा पत्र को कानूनी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से नफरत और घृणा नहीं फैलाई जाए और न ही यह आसमानी मुद्दा बने।
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