देश में जहरीली शराब एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। इस बार इससे असम के गोलाघाट जिले में चाय बागान मजदूर अपनी जान से हाथ धो बैठे। मरने वालों की संख्या 90 से ऊपर पहुंच गई है। अभी डेढ़ हफ्ता ही हुआ है, यूपी-उत्तराखंड के चार जिलों में जहरीली शराब से 104 लोग अपनी जान गंवा चुके हैंं। देश व राज्य सरकारों ने यूपी-उत्तराखंड की घटनाओं से कोई सीख ही नहीं ली। नतीजा शराब की वजह से असम में अब मातम पसरा है। यह सर्वविदित है कि शराब एक जहर है। शराब जो सरकार से लाइसेंस लेकर बेची जाती है, उन बोतलों पर भी लिखा होता है कि यह शरीर के लिए हानिकारक है, फिर भी देश में सरकार शराब का अरबों-खरबों का कारोबार सरकार चला रही है जबकि शराब की वजह से बीमारियों, झगड़ों व दुर्घटनाओं में भी देश की अरबों रूपये बर्बाद होता है।
पता नहीं क्यों देशवासियों के मन दूषित हो रखें है जो शराब पी रहे हैं व इसका कारोबार चला रहे हैं। अभी भले ही असम व यूपी में शराब पीने से मरने वालों को सरकार त्रासदी मान रही है व इसके विरुद्ध कार्रवाई भी करेगी, लेकिन यह कभी नहीं होता कि अवैध एवं वैध शराब कारोबार पर भी बंदिश लगे। यहां तत्काल जान ले लेने वाली शराब एक घातक केमिकल होता है जिसके रंग, बदबू से पहचान नहीं होती कि जहर कौन सा है व शराब कौन सी। जहरीली शराब मेथेनाल नामक केमिकल व यूरिया से बनाई जाती है इसमें आॅक्सीटोक्सिन भी मिला दिया जाता है। जोकि पशुओं के उपचार में लगने वाली औषधी है।
यहां शराब के ठेकों पर जो शराब बेची जाती है वह एथेनाल है, जोकि यह गन्ना, शोरा, महुआ, आलू, चावल, जौ, मक्की की खमीर से बनती है। परन्तु व्यापारी व तस्कर एथेनॉल को ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें मेथेनॉल नामक केमिकल मिला देते हैं। बस फिर यह एक घातक जहर बनकर पीने वालों की जान ले लेता है। मेथेनॉल रंग, रोगन, पालिश, सेंट में काम आने वाला केमिकल है। सबसे दु:खद बात यह है कि एथेनॉल व मेथेनॉल में रंग, बदबू आदि का कोई अंतर ही नहीं पता चलता। इनको पी लेने पर जब व्यक्ति की सेहत बिगड़ जाती है या जान चली जाती है तब पता चलता है कि पीने वाला जहर पी गया जो शराब से भी घातक है।
देश वासियों को अच्छी तरह पता है कि भ्रष्टाचार की वजह से पुलिस, राजनेता कोई भी शराब के कारोबार को रोकना नहीं चाहता। यहां तक कि बहुत से पुलिस वाले खुद शराब पीते हैं। ऐसे में व्यक्ति को स्वयं को ही शराब सेवन से दूर रहना चाहिए। परिवारों में बच्चों-युवाओं को प्रतिदिन, शराब जहर है इसे पीने वाला बेमौत मरेगा सिखाया जाए। तब तो शायद देश-समाज इस जहर से बच जाए अन्यथा यूपी-उत्तराखंड, असम जैसे जहरीली शराब के मंजर यहां वहां घटते रहेंगे।
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