हर सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अकाउंट में जमा होगा। ईपीएफओ के खाते में जमा होने वाली रकम भविष्य की बड़ी पूंजी होती है। जब कर्मचारी रिटायर होते हैं, तो पीएफ खाते के सारे पैसे मिल जाते हैं। बता दें ईपीएफओ में कर्मचारियों को मुफ्त में सात लाख रुपये का बीमा कवर मिलता है। यह इंश्योरेंस एम्पलाई डिपॉजिट लिंक्ड स्कीम के तहत मिलता है। यदि किसी पीएफ खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सात लाख रुपये की सहायता राशि मिलती है।
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हर महीने जमा करने होते हैं इतने पैसे:
ईपीएफओ की ईडीएलआई योजना लोगों को सिक्योरिटी देने में मदद करती है। यह स्कीम ईपीएफ और ईपीएस के समावेश के साथ कार्य करती है। कई पीएफ खाताधारक को इस योजना के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में वह इसका लाभ उठा नहीं पाते हैं। इस योजना के तहत कर्मचारी की किसी दुर्घटना में मौत होने पर आखिरी 12 महीनों के वेतन या सात लाख रुपये की बीमा राशि नॉमिनी को मिलती है। बता दें पीएफ खाते में जमा होने वाली कुल राशि का 8.33 प्रतिशत हिस्सा ईपीएस, 3.67 प्रतिशत ईपीएफ और 0.5 प्रतिशत ईडीएलआई में जमा होता है। यहां खास बात यह है कि यह 0.5 प्रतिशत कर्मचारी की सैलरी से नहीं काटा जाता, बल्कि कंपनी इसे भरती है।
नॉमिनी को मिलता है यह लाभ:
ईपीएफओ सभी खाताधारकों को अकाउंट में नॉमिनी का नाम जोड़ने या अपडेट करने की जानकारी देता है। खाते में नॉमिनी होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि किसी खाताधारक का निधन हो जाता है, तो उसके परिजन को आगे किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। ईपीएफ खाते में जमा सारे पैसे और बीमा के पैसे नॉमिनी को सरलता से मिल जाते हैं। यदि किसी अकाउंट में नॉमिनी का नाम शामिल नहीं है, ऐसी स्थिति में अकाउंट होल्डर के सभी कानूनी उत्तराधिकारी के हस्ताक्षर और सक्सेशन सर्टिफिकेट दिखाने के बाद पैसों का क्लेम ले सकते हैं।
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