Aliens in Moon: चंद्रयान 3 का प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर काफी चीजों की खोज कर चुका है। चंद्रयान 3 को चांद की धरती पर उतरे लगभग 14 दिन हो गए है। प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर गजब के कारनामे करके अपने मुश्किल पड़ाव से आगे बढ़कर अपने मिशन को पूरा कर रहा था। चंद्रयान जबसे चांद पर उतरा तब से अब तक आराम ही नहीं किया था। वह लगातार अपने मिशन पर जुटा हुआ था। ताकि वह जल्द से जल्द यानि जब तक सुर्य की उपिस्थति चांद पर रहे तब तक में वह अपना मिशन पूरा कर ले। आपको यह जानकर खुशी होगी कि प्रज्ञान रोवर ने अपने सारे मिशन को पूरा कर लिया है।
चांद पर ये मिला | Aliens in Moon
वहीं आपको बता दें कि प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास कई तत्वों का पता लगाया है। इसरो के मुताबिक, अब तक की सबसे बड़ी खोज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सल्फर की है। रोवर ने एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और आॅक्सीजन की उपस्थिति का भी पता लगाया है। वहीं सोशल मीडिया पर चांद पर एलियन होने की अफवाहे चल रही है। आपको बता दें कि अभी तक इसरो ने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है।
क्या चंद्रयान 3 पर है एलियन | Aliens in Moon
एलियन की चर्चा काफी सोशल मीडिया पर चल रही है। कई बार उनके होने के सबूत मिलने के दावे भी किए गए हैं। हालांकि इन दावों पर अभी तक वज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है।
चांद पर छाया अंधेरा | Aliens in Moon
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने एक नया इतिहास रच दिया, जिसका पूरा देश जश्न मना रहा है। 23 अगस्त बुधवार की शाम को चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कराईं गई थीं। जिसके बाद से ही विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान अपने काम में जुटे हुए हैं। बता दें कि इसरो ने इन्हें 14 दिन के मिशन पर भेजा है तो ऐसे में ये सवाल खड़ा होता है कि 14 दिन बाद लैंडर और रोवर का क्या होगा, क्या ये चौदह दिन बाद धरती पर आ जाएंगे तो इसका जवाब है नहीं।
दरअसल इसका कनेक्शन सूरज की रोशनी से है, चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है, यानी 14 दिन तक सूरज उगता रहेगा। बता दें कि जिस वक्त चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराईं गई थी उस वक्त चंद्रमा पर दिन था और सूरज उग रहा था। इसके पीछे इसरो की प्लानिंग थी कि चंद्रमा के जिस हिस्से पर चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर उतर रहे हैं उस जगह पर अगले 14-15 दिनों तक सूरज की रोशनी आती रहे।
Chandrayaan 3: नासा ने शेयर की विक्रम लैंडर की तस्वीर, देखकर मजा आ जाएगा!
दरअसल चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में सोलर पैनल लगे हुए वे सूरज से ऊर्जा लेकर खुद को चार्ज कर रहें हैं और इन्हीं पैनल्स के जरिए उन्हें ऊर्जा मिल रही है जब तक उन्हें सूरज की रोशनी मिलती रहेंगी उनकी बैट्री चार्ज होती रहेगी और वो काम करते रहेंगे। 14 दिन बाद चंद्रमा पर अंधेरा हो जाएगा जिसके बाद इनको ऊर्जा मिलनी बंद हो जाएंगी। और इनकी बैट्री चार्ज नहीं होंगी। और इस स्थिति में ये काम करना बंद कर देंगे। अंधेरा होने के बाद वे कुछ घंटों तक ही काम कर सकते हैं ये भी उनकी बैट्री पर निर्भर करता है कि उनकी बैट्री कितनी चार्ज है। Aliens in Moon
कहा जा रहा है कि अंधेरा होने के बाद वे फिर कुछ दिन सूरज निकलने का इंतजार करेंगे लेकिन इसकी उम्मीद बहुत कम है।14 दिनों के क्या फिर से लेंटर और रोवर काम करेंगे इसपर इसरो प्रमुख डॉ एस सोमनाथ ने बताया कि सूरज ढलने के साथ ही सब कुछ अंधेरे में डूब जाएगा। तापमान माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा, ऐसे में इस तापमान पर इन सिस्टम का सुरक्षित बने रहना संभव नहीं है। उनका कहना है कि इस तापमान पर इनके सुरक्षित बचें रहने की संभावनाएं काफी कम है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अगर यह सिस्टम सुरक्षित बने रहते हैं तो बहुत ही खुशी होगी। अगर ये दोबारा सक्रिय हो जाते हैं तो वे इनके साथ एक बार फिर काम शुरू कर पाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि ऐसा ही हो। Aliens in Moon