आकाश की जुबानी-दिल्ली से पनामा तक खतरनाक सफर, लाशों के बीच रातें गुजारनी पड़ीं
घरौंडा (सच कहूँ न्यूज़)। Gharaunda News: कालरम गांव के युवक आकाश का अमेरिका जाने का सपना उसकी जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव बन गया। एजेंट से 73 लाख रुपये में डील हुई थी कि वह सीधे फ्लाइट से मैक्सिको पहुंचेगा और वहां से मात्र एक दिन का सफर कर अमेरिका में एंट्री लेगा। लेकिन हकीकत कुछ और ही थी। दिल्ली से निकला यह सफर मौत के साये में कटता गया। बैग फेंकवा दिया गया, सिर से ऊपर पानी वाली नहर पार करनी पड़ी, लाशों के पास सोना पड़ा और कई साथियों को मरते देखा। Karnal News
जंगलों में महिलाओं से ज्यादती तक की गई। माफिया और डोंकरों के चंगुल में फंसकर किसी तरह अमेरिका की सीमा पार की, लेकिन वहां पकड़कर जेल भेज दिया गया। अब युवक घर लौट आया है, लेकिन टूट चुका है। आकाश ने वे वीडियो भी सांझा की है, जिसमें वह पनापा के जंगलों से निकलता हुआ दिख रहा है। वहां पर डंकी नहा रहे है।
कालरों गांव के अाकाश से बातचीत हुई, उसने एक एक बात सांझा की। आकाश ने बताया कि 20 जून 2024 को दिल्ली से निकला था। पहले दिल्ली और फिर मुंबई में एजेंट के कहने पर कई-कई दिन रुकना पड़ा। 15 सितंबर को ब्राजील भेजा गया, जबकि उसके पास कोई वीजा भी नहीं था। ब्राजील से बुलेविया, वहां से गायना और फिर ग्वाटा होते हुए पनामा तक पहुंचाया गया। हर जगह डोंकर पहले से सेट होते थे। पैसों का खेल हर जगह चलता था।
पनामा का जंगल, जहां से जिंदा निकलना मुश्किल | Karnal News
पनामा का नाम सुनने में खूबसूरत लगता है, लेकिन यहां दुनिया का सबसे खतरनाक जंगल है। आकाश के मुताबिक, उसका 150 लोगों का ग्रुप था, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी थे। लेकिन जब जंगल पार किया, तब सिर्फ 50 लोग जिंदा बचे। डोंकरों ने बंदूक की नोक पर बैग फेंकवा दिया। नहर पार करवाई, जिसमें सिर से ऊपर तक पानी था। लाशों के बीच सोना पड़ा, सुबह उठते ही कंकाल नजर आते।
मैक्सिको बॉर्डर पार करते ही पुलिस ने पकड़ लिया
पनामा पार करने के बाद भी सफर आसान नहीं था। टेक्सी में जहां 5 लोग बैठ सकते थे, वहां 20-25 लोगों को ठूंस दिया गया। माफिया के इलाकों से गुजरना पड़ा, जहां 5 साल के बच्चे के हाथ में भी बंदूक होती है। 25 जनवरी की आधी रात को मैक्सिको बॉर्डर पर 35 फीट ऊंची दीवार को कूदकर अमेरिका में एंट्री करनी थी। एक सरदार दीवार पार करते वक्त कंटीले तारों में फंस गया और उसकी टांग फट गई। जैसे ही युवक और उसके साथी अमेरिका पहुंचे, उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। Karnal News
हथकड़ी पहनाकर चौकी भेजा, खाने में बीफ दिया
पुलिस ने हाथ-पैर में लोहे की हथकड़ियां पहना दीं और इमीग्रेशन कैंप भेज दिया। वहां न अंग्रेजी आती थी, न कोई मदद करने वाला था। पूछताछ के नाम पर मारपीट हुई। खाने के लिए बीफ दिया जाता, जो उसने नहीं खाया। सिर्फ पानी पीकर गुजारा किया। सोने भी नहीं दिया जाता था।
चार दिन में अमृतसर लाया गया, अब घर पर सन्नाटा
युवक को 9 दिन बाद अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया। उन्हें जहाज में बैठने से पहले हथकड़ियां पहनाई गई। जैसे वे कोई बड़े अपराधी हो। आर्मी के मालवाहक जहाज में बैठाकर भारत भेजा गया। आने में चार राते लगी। यहां हरियाणा पुलिस पहले से मौजूद थी। पूछताछ के बाद पुलिस की बस में करनाल भेजा गया। युवक के घर लौटने के बाद परिवार टूट चुका है। सारी जमीन बेच दी गई, अब कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा।
मोदी चाहते तो भारतीयों को बचा सकते थे
युवक का कहना है कि अगर मोदी सरकार चाहती तो डिपोर्ट होने वाले भारतीयों को बचा सकती थी। अमेरिकी आर्मी का जहाज भारत लैंड करना कोई छोटी बात नहीं थी। अब न पैसा बचा, न हिम्मत। उसने युवाओं को चेतावनी दी कि डोंकरों के चक्कर में न आएं, यह सफर सिर्फ मौत की ओर ले जाता है। Karnal News
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